रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी ने छात्र से किया कुकर्म, कहा- किसी को बताया तो ठोक दूंगा
आचार्य रामचंद्र दास ने शरीर में दर्द होने के बहाने बच्चे को अपने कमरे में बुलाया था. जिसके बाद उसके साथ गलत काम किया. विरोध करने पर बच्चे के साथ मारपीट की और कहा कि किसी को बताया तो गोली मार दूंगा.
जगद्गुरु रामभद्राचार्य (Jagadguru Rambhadracharya) के उत्तराधिकारी रामचंद्र दास (Ramchandra Das) उर्फ जय महाराज के खिलाफ लालगंज थाना पुलिस (Uttar Pradesh Police) ने पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत केस दर्ज किया है.
रामचंद्र दास पर 13 साल के लड़के का यौन शोषण करने का आरोप लगा है. पीड़ित के पिता का आरोप है कि जय महाराज ने शरीर में दर्द होने के बहाने मालिश के लिए उसके बेटे को बुलाया था.
जिस के बाद महाराज ने उसके साथ अप्राकृतिक संबंध बनाए. इतना ही नहीं महाराज ने बच्चे को डराया और धमकी भी दी. आरोपी ने बच्चे को धमकाते हुए कहा अगर किसी से कुछ बताया तो उसे जान से मार दिया जाएगा.
मूल रूप से जौनपुर जिले का रहने वाला नाबालिक छात्र 7 महीने से मध्यप्रदेश के चित्रकूट जिला सतना स्थित तुलसी पीठ कांच मंदिर जानकी कुंड में दीक्षा ग्रहण कर रहा था. नाबालिग छात्र यहां रहकर व्याकरण की शिक्षा हासिल कर रहा था.
इसी बीच 8 फरवरी से 14 फरवरी के बीच तुलसी पीठाधीश्वर महाराज की श्रीमद भागवत कथा का कार्यक्रम मिर्जापुर में हुआ थी. इस कार्यक्रम में रामचंद्र दास नाबालिक छात्र को भी अपने साथ लेकर गए थे. उसी दौरान उन्होंने वहां बच्चे के साथ कुकर्म किया.
शरीर में दर्द के बहाने बच्चे को बुलाया था अपने कमरे में
13 फरवरी की रात 10 बजे आचार्य रामचंद्र दास ने शरीर में दर्द होने के बहाने बच्चे को अपने कमरे में बुलाया था. जिसके बाद उसके साथ गलत काम किया. विरोध करने पर बच्चे के साथ मारपीट की और कहा कि किसी को बताया तो गोली मार दूंगा.
दूसरे दिन वो मध्यप्रदेश के सतना में आयोजित कथा में शामिल होने के लिए चला गया. जब यह वारदात हुई तो पीड़ित के पिता गुजरात में थे. 24 फरवरी को जब वो आश्रम पहुंचे तो बेटे ने आपबीती सुनाई.
जिसके बाद नाबालिग के पिता ने मिर्जापुर के लालगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने इस मामले में पॉस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है.
2019 में बनाए गए थे तुलसी पीठ दिव्यांग विश्वविद्यालय के उत्तराधिकारी
आचार्य रामचंद्र दास तुलसी पीठ चित्रकूट में बचपन से रहे है. यहीं पर उसकी शिक्षा-दीक्षा हुई है. जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने संत समाज की मौजूदगी में अगस्त 2019 को रामचंद्र दास को तुलसी पीठ, दिव्यांग विश्वविद्यालय का उत्तराधिकारी घोषित किया था.
बीते दिनों में आचार्य रामचंद्र दास की अगुवाई में विश्व हिंदू महाकुंभ का आयोजन किया गया था, उसमें देश-विदेश के प्रमुख धर्मों के संत महंत उपस्थित हुए थे.
जगद्गुरु रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी के खिलाफ लालगंज थाने में कुकर्म का केस दर्ज किया गया है। पीड़ित के पिता का आरोप है कि रामभद्राचार्य के उत्तराधिकारी ने शरीर में दर्द होने के बहाने मालिश के लिए उसके बेटे को बुलाया और उसके साथ दरिंदगी की।
यहां तक कि किसी से कुछ बताने पर उसे जान से मारने की धमकी दी। 24 फरवरी को जब बेटे से पिता की मुलाकात हुई तो उसने रो-रोकर आपबीती सुनाई।
उधर, रामभद्राचार्य का कहना है कि जो आरोप पीड़ित के पिता ने लगाया है, वह पूरी तरह से षड्यंत्र है। तुलसी पीठ की प्रतिष्ठा को खराब करने के लिए षडयंत्र रचा गया है। रामचंद्र दास के ऊपर लगाए गए सारे आरोप निराधार हैं।
सात माह से तुलसी पीठ में रह रहा पीड़ित किशोर
जौनपुर के बरसठी थाना क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला 13 साल का किशोर पिछले 7 महीने से चित्रकूट के श्रीतुलसी पीठ में रह रहा है। वह दीक्षा भी ले चुका है। आचार्य रामचंद्र दास उर्फ जय मिश्रा ने ही पीड़ित का प्रवेश दिलाया था।
पिता ने पुलिस अधीक्षक को लिखे पत्र में कहा, 8 फरवरी से 15 फरवरी तक जगद्गुरू स्वामी रामभद्राचार्य की कथा मिर्जापुर के लालगंज के एक गांव में हुई थी। उसमें आचार्य रामचंद्र दास के साथ उनका बेटा भी गया था।
13 फरवरी की रात 10 बजे आचार्य रामचंद्र दास ने शरीर में दर्द होने के बहाने किशोर को अपने कमरे में बुलाया। उसके बाद उसके साथ कुकर्म किया।
विरोध करने पर मारपीट की और कहा कि किसी को बताया तो गोली मार दूंगा। दूसरे दिन वह मध्यप्रदेश के सतना में आयोजित कथा में शामिल होने के लिए चला गया। जब यह वारदात हुई तो पीड़ित के पिता गुजरात में थे। 24 फरवरी को जब वह आश्रम पहुंचे तो बेटे ने आपबीती सुनाई।
लालगंज के सीओ को मिली जांच
प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार चौरसिया ने बताया कि आरोपी आचार्य के खिलाफ धारा 377 सहित आधा दर्जन अन्य धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
मामला राष्ट्रीय संत एवं कथावाचक रामभद्राचार्य के सेवादार से जुड़े होने के नाते, इसकी जांच सीओ लालगंज कर रहे हैं। अभी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
कौन है आचार्य रामचंद्र दास?
आचार्य रामचंद्र दास तुलसी पीठ चित्रकूट में बचपन से रहा है। यहीं पर उसकी शिक्षा-दीक्षा हुई। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने संत समाज की मौजूदगी में अगस्त 2019 को रामचंद्र दास को तुलसी पीठ, दिव्यांग विश्वविद्यालय का उत्तराधिकारी घोषित किया था।
बीते दिनों में आचार्य रामचंद्र दास की अगुवाई में विश्व हिंदू महाकुंभ का आयोजन किया गया था, उसमें देश-विदेश के प्रमुख धर्मों के संत महंत उपस्थित हुए थे।