इंदिरा मैराथन में आर्मी का दबदबा

Prayagraj Army dominates Indira Marathon, Karnataka's Eliyappa becomes winner, Prayagraj's Anil Singh runner-up
Prayagraj Army dominates Indira Marathon, Karnataka's Eliyappa becomes winner, Prayagraj's Anil Singh runner-up

प्रयागराज।इंदिरा मैराथन में देश भर के एथलीटों ने दमखम दिखया। पुरुष वर्ग में सेना के एथलीटों का दबदबा रहा। पुरुष वर्ग में कर्नाटक निवासी और पुणे में तैनात सेना के जवान एलियप्पा एवी ने जीत दर्ज की।

दूसरे स्थान पर प्रयागराज के रहने वाले और कुमाऊं बटालियन में तैनात अनिल कुमार सिंह रहे। तीसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश के रहने वाले और सेना में नायक पद पर तैनात हेतराम ने बाजी मारी।

36वीं अखिल भारतीय प्राइजमनी इंदिरा मैराथन के विजेता पुणे आर्मी के एलियप्पा एवी चेस्ट नंबर 1202 बने हैं। प्रयागराज के अनिल सिंह चेस्ट नंबर 1271 नंबर दूसरे स्थान और सेना के ही हेतराम चेस्ट नंबर 1204 तीसरे स्थान पर रहे।

42.195 किलोमीटर की इस प्रतियोगिता का शुभारंभ सुबह छजे खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी ने किया।
मैराथन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का व्यापक बंदोबस्त किया गया था।

दौड़ मार्गों पर रूट डायवर्जन कर दिया गया था। पूरे रास्ते में दर्शक तालियां बजाते हुए धावकों का उत्साहवर्धन करते रहे। प्रतियोगिता में 500 से अधिक धावक धाविकाओं ने हिस्सा लिया।

महिला वर्ग में नीलिमा बेन चेस्ट नंबर 3012 पहले स्थान पर रहीं। आरती पाटिल दूसरे और तमसी सिंह तीसरे स्थान पर रहीं।

इंदिरा मैराथन के पहले, दूसरे और तीसरे तीनों स्थानों पर सेना के धावकों का ही कब्जा रहा। हेतराम इसके पहले भी 2019 में तीसरा स्थान प्राप्त कर चुके हैं। वह डोगरा रेजीमेंट नासिक पुणे में तैनात हैं। ढाका इंटरनेशनल मैराथन में भी उन्होंने इसी साल तीसरा स्थान प्राप्त किया था।

2020 में नहीं हुआ था आयोजन:
इंदिरा मैराथन का आयोजन इसके पहले 2019 में हुआ था। कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण पिछले वर्ष आयोजन नहीं किया गया था। इस बार पूरी तैयारी के साथ आयोजन किया गया। धावकों के पैर में इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाई गई थी, जिससे समय और स्पीड का पता चल सके। आनंद भवन से शुरू हुई रेस फिर यहीं पहुंचकर खत्म हुई।

विजेताओं को मिलेंगे दो-दो लाख रुपये:
इंदिरा मैराथन के विजेताओं महिला और पुरुष वर्ग को दो-दो लाख रुपये दिए जाएंगे। दूसरे स्थान पर आने वालों को एक-एक लाख और तीसरे स्थान के प्रतिभागी को 75-75 हजार रुपये दिए जाएंगे। साथ ही क्रमश 11 खिलाड़ियों को 10-10 हजार का सांत्वना पुरस्कार दिया जाएगा।


पुरुष वर्ग में प्रथम विजेता रहे वेलीअप्पा जो कि मूल रूप से कर्नाटक कू गुड्डू गांव के निवासी हैं। आर्मी पुणे में कार्यरत हैं। इन्होंने जिंदगी में पहली बार मैराथन में भाग लिया और इंदिरा मैराथन के विजेता बनकर उभरे।

दूसरे स्थान पर प्रयागराज के अनिल कुमार सिंह रहे, जो प्रयागराज आर्मी से संबंधित हैं। वर्तमान में इनकी पोस्टिंग दिल्ली में है। 2019 में दूसरे स्थान पर रहे हैं, जबकि 2021 में अभी दूसरे स्थान पर रहे हैं।


तीसरे स्थान पर रहे हेतराम हिमाचल प्रदेश के निवासी हैं। इनकी पोस्टिंग हिमाचल आर्मी में है। उन्होंने इसके पहले किसी भी मैराथन में भाग नहीं लिया है। इंदिरा राजस्थान में पहली बार भाग लिया तीसरे स्थान पर रहे।


महिला वर्ग में निरिमा भरत ठाकुर ने पहला स्थान हासिल किया जो कि नासिक के मिलिट्री स्कूल में ट्रेनिंग ले रही हैं। पहली ही बार में मारी बाजी।


दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र की आरती पाटिल ने कब्ज़ा किया। वह तीन साल से मैराथन की ट्रेनिंग ले रही हैं और पहली फुल मैराथन दूसरा स्थान हासिल किया है।


तीसरे स्थान पर मिर्ज़ापुर की तामसी सिंह रहीं। वह भी अपने करियर की पहली रेस दौड़ रही थीं पहली ही रेस में उन्हें जीत हासिल हुई।

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