भारत के हिंदू संगठन रूस के साथ खड़े हुए नजर आए
रूस और यूक्रेन की लड़ाई काफी गंभीर हो गई है रूस की सेना यूक्रेन पर किए गए हमले में काफी लोगों को मार चुकी है जिसमें 10 सेना अधिकारियों समेत 133 लोग शामिल हैं .
आपको यह भी बता दें कि रूस जैसे बड़े पावर ताकतवर देश के हमले के बावजूद यूक्रेन को उम्मीद है कि नाटो के देश विशेष तौर पर टर्की और अमेरिका उसकी मदद करेंगे .
Ukrain के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की, खबर मिली है कि खुद युद्ध के मोर्चे पर पहुंच चुके हैं राष्ट्रपति इलाकों का दौरा कर रहे हैं . रूसी सेना ने हमले किए हैं जेलेंस्की की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है .
जिसमें वह किसी सैनिक जैसे नजर आते हैं खबरों के मुताबिक यूक्रेन की राजधानी में शुक्रवार सुबह 4:00 बजे स्थानीय समय के अनुसार रूस के हमले शुरू हो गए हैं .
आसमान से आग बरसती हुई दिखाई दी इस बीच अमेरिका ने कहा कि उन्होंने रूस को कड़ी चेतावनी दी गई है . नाटो ने कहा है की वो रूस के हमले की कड़ी निंदा करते रहे हैं .
वही उक्उरेन का दावा है कि रूस की सेना को बहुत नुकसान पहुंचा है, और कई टैंक को उन्तहोंने तबाह कर दिया है .
नाटो का कहना है की रूस अपनी ताकत का इस्तेमाल कर रहा है और ये अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन है तो इसका खामियाजा रूस को भुगतना पड़ेगा .
वही ये जग जाहिर है की रूस नहीं चाहता है कि मुस्लिम उसके देश में घुस कर रूस की सभ्यता को नस्ट करे .
तुर्की के रास्ते मुस्लिम यूरोप में घुसते है और इसमे तुर्की उनकी पूरी मदद करता है .रूस को आशंका है की ये मुस्लिम अब उक्रेन के रस्ते से रूस में घुस जायेंगे .
और उसके सभ्यता और संस्कृति को नष्ट कर देंगे .
आपको पता ही होगा कि आईएसआईएस के खात्मे के लिए रूस बहुत ही ज्यादा लंबे समय तक युद्ध लड़ा है जिससे उसकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो गई है .
और यहां ध्यान यह देना होगा अगर उक्कारेन यूरोपियन यूनियन और नाटो का सदस्य बन जाता है और यूरोपियन मुस्लिम का पूरा समर्थन करती है, तो जैसा कि देखा गया है कि मुस्लिम शरणार्थियों के वेश में आए हुए लोगों को टर्की सेफ पैसेज देता है ,ताकि मुस्लिम यूरोप में घुस सके .
टर्की मुस्लिम को आगे यूरोपियन कंट्रीज में धकेल देते हैं हालात ये हो चुके है की यूरोपियन कंट्रीज में कुछ देशों की आबादी काफी कम है .
जिससे ये मुस्लिम वहां पहुंचते हैं और फिर उसके बाद शरिया कानून लागू करने की मांग करने लगते हैं और हिजाब और अन्य चीजों के लिए आंदोलन शुरू कर देते हैं इससे कई देशों में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद के खत्म होने का खतरा मंडराने लगता है.
ब्रिटेन भी आजकल लंदनिस्तान के नाम से जाना जाने लगा है ,क्योंकि वहां पूर्वी लंदन में मुस्लिमों की इतनी ज्यादा आबादी हो गई है कि ईसाई और अन्य धर्म के लोगों का है वहां रहना बहुत ही मुश्किल हो गया है .
वहां पर एक पेट्रोल चलाई जाती है जैसे सरिया पेट्रोल कहा जाता है वह महिलाओं के साथ बहुत बुरी तरह से व्यवहार करते हैं और उनको हिजाब पहनने की हिदायत देते हैं, और अगर दूसरा कोई इसाई धर्म का व्यक्ति वहां दिख जाता है तो शरिया पेट्रोल वाले कहते है.
की हम सरिया पेट्रोल है और यह मुस्लिम का इलाका है तुम यहां से चले जाओ अब यह जानने की बात है कि रूस हर चीजों पर कड़ी नजर रखता है.
रूस को ऐसा महसूस होने लगा है कि जब ब्रिटेन जैसा देश भी लंदनिस्तान बनता जा रहा है तो कहीं रूस की भी संस्कृति और उसका राष्ट्रवाद और उसकी अपनी सभ्यता संस्कृति नष्ट न हो जाए.
इन्हीं सब चीजों को ध्यान में रखते हुए रूस ने यूक्रेन से कहा कि आप अपनी सीमाओं को सील रखें और आगे भविष्य में मुस्लिम शरणार्थियों के उक्रेन के रस्ते से भेजना बंद कर दें .
कुल मिलाकर के मामला सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का है इसलिए भारत के हिंदू जनमानस रूस के साथ खड़े हुए नजर आते हैं .
क्युकि वह भी अपनी सभ्यता और संस्कृति को बचाने के लिए लड़ रहे हैं और रूस भी अपनी सभ्यता और संस्कृति को बचाने के लिए लड़ रहा है.