Prayagraj News: इलाहाबाद विश्वविद्यालय का छात्र बना रहा था बम,विस्फोट में उड़ा हाथ
Prayagraj News: इलाहाबाद विश्वविद्यालय का छात्र बना रहा था बम,विस्फोट में उड़ा हाथ, कैंपस में दहशत
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश का इलाहाबाद विश्वविद्यालय देश में एक प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान के रुप में जाना जाता है। लेकिन आज यह विश्वविद्यालय एक ऐसी घटना के कारण चर्चा में आ गया है जो इसके लिए भी शर्मनाक है। इस विश्वविद्यालय का एक विद्यार्थी हॉस्टल के कमरे में बम बना रहा था। इसी दौरान बम फटने से इसका दाहिना हाथ बुरी तरह प्रभावित हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल को अस्पताल पहुंचाया जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पीसीबी हॉस्टल के कमरा नंबर 68 में रहने वाला प्रभात यादव बम बना रहा था। एमएम का छात्र प्रभात जबरन इस कमरे में अवैध रुप से रह रहा था। बम फटने की आवाज इतनी तेज थी कि आस पास के छात्र कमरे के पास इकठ्ठा हो गये। इस घटना के बाद कैंपस में दहशत फैल गयी।
सहायक पुलिस आयुक्त राजेश कुमार यादव ने बताया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पीसी बनर्जी हॉस्टल में रहने वाले छात्र प्रभात यादव बम बनाते समय घायल हो गया। एसआरएन अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। तहरीर के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जीजा बना हैवान: किशोरी से किया दुष्कर्म, गर्भवती होने पर कराया प्रसव… नवजात शिशु का चार लाख में किया सौदा
सितंबर माह में किशोरी के पेट दर्द की शिकायत पर उसका एक अन्य जीजा दरहा गांव के झोलाछाप संदीप सरोज के पास ले गया। यहां बताया गया कि प्रसव का समय पूरा हो चुका है। अस्पताल संचालक डॉ. आशीष मिश्रा ने पीड़ित परिवार से 14 हजार लेने के बाद प्रसव कराया।
जन्म के बाद अस्पताल में किलकारी मार रहे बच्चे को तीन महीने बाद मां की गोद नसीब हुई। दुष्कर्म की शिकार एक मनोरोगी किशोरी ने उसे जन्म दिया था। आरोपियों ने धोखे से उसे बेचने की कोशिश की। मामला खुला तो बाल कल्याण समिति सक्रिय हुई। अब बच्चा मां की गोद में है। आरोपियों पर केस भी दर्ज हो गया है।
सरायअकिल कोतवाली के महंगूपुर निवासी आरोपी की ससुराल चरवा कोतवाली इलाके के एक गांव में है। करीब साल भर पहले उसने अपनी मनोरोगी साली (14) के साथ दुष्कर्म किया। कुछ महीनों बाद किशोरी में शारीरिक परिवर्तन हुआ तो उसे गर्भ ठहरने का शक हुआ। इसके बाद वह भाग गया।
सितंबर माह में किशोरी के पेट दर्द की शिकायत पर उसका एक अन्य जीजा दरहा गांव के झोलाछाप संदीप सरोज के पास ले गया। झोलाछाप किशोरी को लेकर जनता पॉली क्लीनिक जयंतीपुर सरायअकिल ले गया। यहां बताया गया कि प्रसव का समय पूरा हो चुका है। अस्पताल संचालक डॉ. आशीष मिश्रा ने पीड़ित परिवार से 14 हजार लेने के बाद प्रसव कराया।
इसके बाद शिशु को किशोरी को देने के बजाय एक वार्ड आया को दे दिया गया। पिछले दिनों अफवाह फैली कि शिशु को चार लाख में एक निसंतान दंपती को बेचा जा रहा है। इसे लेकर हल्ला मचा तो प्रकरण बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष कमलेश चंद्र के संज्ञान में आया। उन्होंने किशोरी के साथ दुष्कर्म करने के आरोपी, झोलाछाप व चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करने का आदेश दिया। थानाध्यक्ष बलराम सिंह का कहना है प्रकरण करीब तीन महीने पुराना है। शिशु को बाल कल्याण समिति के निर्देश पर उसकी मां को सौंपा गया है।
घटना के आरोपियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। – बृजेश कुमार श्रीवास्तव, एसपी
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