Pratapgarh News: कोहड़ौर;झोलाछाप के इलाज से गई मासूम की जान
Pratapgarh News: कोहड़ौर ;झोलाछाप के इलाज से गई मासूम की जान कोल्ड डायरिया के चपेट में आई मासूम बच्ची का इलाज झोलाछाप से कराना एक परिवार पर भारी पड़ गया।
कोल्ड डायरिया के चपेट में आई मासूम बच्ची का इलाज झोलाछाप से कराना एक परिवार पर भारी पड़ गया। आरोप है कि झोलाछाप के गलत इलाज से मासूम की जान चली गई। परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीएमओ और पुलिस से शिकायत की है।
कोहड़ौर के मदाफरपुर निवासी राहुल चौरसिया की 11 माह की बेटी अन्वी कोल्ड डायरिया से पीड़ित थी। परेशान परिजन सोमवार को स्थानीय बाजार के झोलाछाप लल्लन की क्लीनिक पर उसे ले गए। आरोप है कि झोलाछाप के इलाज के दौरान अन्वी की हालत और बिगड़ गई। परिजन उसे सुल्तानपुर स्थित एक बाल रोग विशेषज्ञ के पास ले गए।
परिजनों ने बताया कि डॉक्टर ने कहा कि गलत दवा देने की वजह से अन्वी की हालत खराब हुई है। उसने अन्वी को लखनऊ रेफर कर दिया। लखनऊ ले जाते समय रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। परिजन बुधवार को स्थानीय पुलिस के साथ सीएमओ को शिकायती पत्र देकर झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
झोलाछाप मामले में जांच टीम गठित
सीएमओ डॉ. जीएम शुक्ल ने कहा कि इस मामले में जांच टीम गठित की गई है। एसीएमओ डॉ. राजेश और अपर शोध अधिकारी आरजी चौधरी को जांच के लिए आदेश दिया गया है। झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई जल्द की जाएगी।
झोलाछाप के इलाज से बच्ची की मौत:परिजनों ने किया हंगामा, डायरिया की चपेट में आई थी मासूम, पुलिस और सीएमओ से शिकायत
प्रतापगढ़ में कोल्ड डायरिया की चपेट में आई मासूम बच्ची का इलाज झोलाछाप से करना एक परिवार पर भारी पड़ गया। आरोप है कि झोलाछाप के गलत इलाज से मासूम बच्ची की जान चली गई। परिजनों ने डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीएमओ और पुलिस से शिकायत की है। पुलिस जांच कर मामले में कार्रवाई की बात कह रही है।
एक सप्ताह के भीतर अचानक बढ़ी ठंड से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ठंड का असर तेज होने के कारण बच्चे कोल्ड डायरिया की चपेट में आ रहे हैं। उन्हें उल्टी-दस्त के साथ बुखार की शिकायत हो रही है। मंगलवार को 12 बच्चों को मेडिकल कॉलेज के चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती कराया गया। वहीं 40 से अधिक बच्चों का डॉक्टरों ने ओपीडी में परीक्षण कर इलाज किया।
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. अनिल सरोज ने बताया कि मंगलवार को ठंड की चपेट में आने से 40 से अधिक बीमार बच्चों का ओपीडी में इलाज किया गया। उन्होंने बताया कि बच्चों को ठंड से बचाना है। छह महीने से पांच वर्ष की आयु तक के बच्चों को कोल्ड डायरिया हो सकता है।
कैसे करें बचाव
बच्चों को ताजा गर्म खाना और गुनगुना पानी पिलाना चाहिए।
सर्दी से बच्चों को बचाने के लिए कमरे में रूम हीटर लगाएं।
बच्चों का धूप सेंकना फायदेमंद होता है।
बाहर निकलते समय बच्चों को गर्म कपड़े पहनाएं, कान बंद रखें। मोजे भी पहनाएं।
सर्दी में बच्चों को दें ये डाइट
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहित शुक्ला ने बताया कि छह माह से एक वर्ष तक के बच्चों को सर्दी में हाइड्रेट रखने के लिए रेशेदार फलों का गूदा देना चाहिए। दो वर्ष से ऊपर के बच्चों को भीगे काजू, किशमिश, बादाम, पिस्ता और अखरोट खिलाना चाहिए।
ड्राई फ्रूट्स के सेवन से शरीर में गर्माहट आएगी। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर बनेगी। सूखे मेवे खाने से बच्चों की हड्डियां भी मजबूत होंगी। बच्चों को टमाटर, गाजर, पालक आदि मिलाकर मिक्स वेज सूप पिलाना चाहिए।
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