नेपाल में Gen Z : एक नई पीढ़ी का उदय, चुनौतियां और क्रांति

परिचय
नेपाल, हिमालय की गोद में बसा एक खूबसूरत देश, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। लेकिन आज का नेपाल एक नई पीढ़ी के हाथों में बदलाव की राह पर है – Gen Z। जेन Z, यानी वे युवा जो 1990 के अंत और 2010 के शुरुआती वर्षों में जन्मे हैं, नेपाल की आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। नेपाल की औसत आयु 25 वर्ष से कम है, जो एशिया में सबसे युवा जनसंख्या में से एक है।
यह Gen Z पीढ़ी डिजिटल युग में पली-बढ़ी है, जहां स्मार्टफोन और सोशल मीडिया उनके जीवन का अभिन्न अंग हैं।
वे परंपराओं को सम्मान देते हैं, लेकिन वैश्विक प्रभावों से प्रभावित होकर अपनी पहचान को नए सिरे से गढ़ रहे हैं।2025 में, नेपाल में जेन Z ने एक ऐतिहासिक क्रांति की शुरुआत की है। सितंबर 2025 में सोशल मीडिया पर लगाए गए प्रतिबंध ने युवाओं को सड़कों पर उतार दिया, जो भ्रष्टाचार, नेपोटिज्म (नेपो किड्स), बेरोजगारी और आर्थिक असमानता के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।
इस लेख में हम नेपाल के जेन Z की पहचान, नवाचार, चुनौतियों, संस्कृति, सामाजिक मुद्दों और भविष्य पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
जेन Z नेपाल में बदलाव का प्रतीक है। वे न केवल तकनीकी रूप से सक्षम हैं, बल्कि सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण और मानसिक स्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर सक्रिय हैं। उनकी ऊर्जा और रचनात्मकता देश को एक नए युग की ओर ले जा रही है, लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं हैं। आइए, गहराई से समझते हैं।जनसांख्यिकी और पहचाननेपाल की जनसंख्या में युवाओं का अनुपात बहुत अधिक है। विश्व बैंक के अनुसार, 2024 में 15-24 वर्ष की आयु के युवाओं में बेरोजगारी दर 20.8% थी, जो दक्षिण एशिया में सबसे ऊंची है।
Gen Z इस जनसांख्यिकीय लाभ का केंद्र है, लेकिन वे आर्थिक अनिश्चितता से जूझ रहे हैं।
उनकी पहचान एक मिश्रित रूप है – एक तरफ दशैं जैसे पारंपरिक त्योहार और लोक संगीत, दूसरी तरफ वैश्विक ट्रेंड जैसे फैशन, के-पॉप, गेमिंग और उद्यमिता।
वे खुद को गर्व से नेपाली कहते हैं, लेकिन डिजिटल दुनिया से जुड़कर सीमाहीन समुदाय का हिस्सा बन चुके हैं। काठमांडू की सड़कों पर आप उन्हें स्ट्रीटवेयर पहने, सस्टेनेबल फैशन को बढ़ावा देते देख सकते हैं। के-पॉप कल्चर और फ्यूजन म्यूजिक ने उनकी जीवनशैली को बदल दिया है।
जेन Z की यह हाइब्रिड पहचान उन्हें पुरानी पीढ़ियों से अलग करती है। वे परंपराओं को बनाए रखते हुए आधुनिकता को अपनाते हैं, जो नेपाल की सांस्कृतिक विविधता को समृद्ध कर रही है।हालांकि, यह पहचान चुनौतियों से भरी है।
सामाजिक दबाव, पारिवारिक अपेक्षाएं और वैश्विक प्रभावों के बीच संतुलन बनाना आसान नहीं। जेन Z खुद को रीडिफाइन कर रहा है, जहां व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सामूहिक जिम्मेदारी दोनों महत्वपूर्ण हैं।शिक्षा की चुनौतियां और अवसरनेपाल में जेन Z की शिक्षा प्रणाली में कई कमियां हैं। गुणवत्ता वाली उच्च शिक्षा की कमी, स्थानीय संसाधनों की सीमितता और अंतरराष्ट्रीय शिक्षा की महंगाई प्रमुख चुनौतियां हैं।
कई युवा बेहतर अवसरों के लिए विदेश जाते हैं, जिससे ब्रेन ड्रेन की समस्या बढ़ती है। 2025 में, शिक्षा सुधार की मांग जेन Z विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा बनी।
फिर भी, अवसर भी हैं। डिजिटल लर्निंग प्लेटफॉर्म्स जैसे कोर्सेरा और यूडेमी ने शिक्षा को सुलभ बनाया है। जेन Z तकनीकी कौशल सीख रही है, जैसे कोडिंग, डिजाइन और डिजिटल मार्केटिंग। काठमांडू विश्वविद्यालय और त्रिभुवन विश्वविद्यालय में स्टार्टअप इंक्यूबेटर्स युवाओं को नवाचार के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
शिक्षा में लिंग असमानता अभी भी है, लेकिन जेन Z लड़कियां अधिक सक्रिय हैं। वे STEM क्षेत्रों में प्रवेश कर रही हैं। सरकार की उद्यमिता विकास कार्यक्रम, जैसे ‘जेन Z टारगेटेड स्टार्टअप इनिशिएटिव्स’, युवाओं को स्किल ट्रेनिंग प्रदान कर रहे हैं।
भविष्य में, अगर शिक्षा प्रणाली को डिजिटल और व्यावहारिक बनाया जाए, तो जेन Z नेपाल को ज्ञान-आधारित अर्थव्यवस्था में बदल सकती है।प्रौद्योगिकी और सोशल मीडियाजेन Z नेपाल की पहली पूरी तरह डिजिटल नेटिव पीढ़ी है। जनवरी 2025 में, नेपाल में 14.3 मिलियन सोशल मीडिया यूजर्स थे, जो कुल आबादी का 48.1% है।
प्लेटफॉर्म्स जैसे इंस्टाग्राम, यूट्यूब, टिकटॉक और व्हाट्सएप उनके जीवन का हिस्सा हैं। वे इनका उपयोग मनोरंजन के अलावा जलवायु परिवर्तन, महिलाओं के अधिकार और मानसिक स्वास्थ्य पर जागरूकता फैलाने के लिए करते हैं।
2025 के विरोध प्रदर्शनों में सोशल मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण थी। 4 सितंबर को 26 प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया गया, लेकिन युवाओं ने VPN का उपयोग कर इसे बायपास किया।

डिस्कॉर्ड सर्वर पर 145,000 से अधिक सदस्यों ने बहस की और सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री चुना।
तकनीकी अपनापन जेन Z को ई-कॉमर्स और फ्रीलांसिंग में सफल बना रहा है। वे पारंपरिक नौकरियों से आगे बढ़कर टेक करियर चुन रहे हैं।हालांकि, डिजिटल डिवाइड ग्रामीण क्षेत्रों में समस्या है। फिर भी, जेन Z तकनीक को सामाजिक बदलाव का हथियार बना रही है।रोजगार, उद्यमिता और अर्थव्यवस्थानेपाल में जेन Z के लिए रोजगार बाजार चुनौतीपूर्ण है। युवा बेरोजगारी दर 20% से ऊपर है, जिससे कई विदेश पलायन कर रहे हैं। 2024/25 में 839,000 नेपाली श्रम परमिट पर विदेश गए।
रेमिटेंस GDP का एक-तिहाई हिस्सा है, लेकिन यह विकास मॉडल टूटा हुआ है।
उद्यमिता में वृद्धि हो रही है। काठमांडू में युवा स्टार्टअप्स लोकल समस्याओं का ग्लोबल समाधान दे रहे हैं, जैसे कम्युनिटी-बेस्ड टूरिज्म और ईको-बिजनेस।
2025 के प्रदर्शनों के बाद, स्टार्टअप्स में युवाओं की भागीदारी बढ़ी।
सरकार के कार्यक्रम उद्यमिता को बढ़ावा दे रहे हैं।आर्थिक असमानता और नेपोटिज्म प्रमुख मुद्दे हैं। नेपो किड्स के लग्जरी लाइफस्टाइल ने युवाओं में गुस्सा भरा।
जेन Z एक समावेशी अर्थव्यवस्था चाहती है, जहां योग्यता मायने रखे।संस्कृति और जीवनशैलीजेन Z की संस्कृति मिश्रित है। वे दशैं मनाते हैं, लेकिन के-पॉप और फ्यूजन म्यूजिक सुनते हैं। स्ट्रीटवेयर, सस्टेनेबल फैशन और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर आर्टिस्ट्स उनकी जीवनशैली का हिस्सा हैं।
एनीमे जैसे ‘वन पीस’ और मीम्स ने 2025 के प्रदर्शनों में भूमिका निभाई।
मनोरंजन में टिकटॉक और यूट्यूब प्रमुख हैं। वे लोकल कल्चर को ग्लोबल बना रहे हैं, जैसे नेपाली म्यूजिशियन का अंतरराष्ट्रीय पहचान। जीवनशैली में फिटनेस, ट्रैवल और सोशल एक्टिविज्म शामिल है।सामाजिक मुद्दे और सक्रियताजेन Z सामाजिक मुद्दों पर मुखर है। जलवायु परिवर्तन उनके लिए व्यक्तिगत है, क्योंकि ग्लेशियर पिघल रहे हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर वे खुलकर बात करते हैं, जहां स्टिग्मा अभी भी है।
2025 के प्रदर्शनों में सक्रियता चरम पर थी। 8 सितंबर से शुरू हुए विरोध में हजारों युवा शामिल हुए, जो हिंसक हो गए। 51 मौतें हुईं, संसद जलाई गई।
मांगें: भ्रष्टाचार खत्म, नौकरियां, गरिमा। सुशीला कार्की अंतरिम PM बनीं।
यह क्रांति जेन Z की शक्ति दिखाती है।भविष्य का दृष्टिकोणअगर शिक्षा, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और उद्यमिता को समर्थन मिले, तो जेन Z नेपाल को समृद्ध बना सकती है।
लेकिन अनदेखी से पलायन बढ़ेगा। 2025 की क्रांति एक टर्निंग पॉइंट है।
निष्कर्ष
नेपाल का जेन Z बदलाव का इंजन है। उनकी ऊर्जा, तकनीकी कौशल और सक्रियता देश को नई दिशा दे रही है। चुनौतियां हैं, लेकिन संभावनाएं अनंत। यह पीढ़ी नेपाल के सुनहरे भविष्य की कुंजी है।