भारत के संविधान निर्माता डॉ. बीएन राव: स्वामी आनंद स्वरूप – जन सामान्य मंच का उद्देश्य: भयमुक्त समाज का निर्माण Constitution maker Dr. BN Rao

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हरिद्वार में जन सामान्य मंच का संवाद कार्यक्रम संपन्न, देश की दशा और दिशा पर वक्ताओं ने रखे गहन विचार Constitution maker Dr. BN Rao

हरिद्वार। भारतीय संस्कृति और इतिहास की पवित्र नगरी हरिद्वार में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के सभागार में जन सामान्य मंच के तत्वावधान में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम ने देश के इतिहास, संविधान और सामाजिक-पर्यावरणीय मुद्दों पर गहन चिंतन का मंच प्रदान किया। इस अवसर पर शांभवी पीठाधीश्वर स्वामी आनंद स्वरूप महाराज ने जोर देकर कहा कि किसी भी देश का भविष्य उसके इतिहास पर टिका होता है, लेकिन भारत में गलत इतिहास पढ़ाए जाने के कारण लोगों को सही तथ्यों से वंचित रखा गया है।

उन्होंने विशेष रूप से भारतीय संविधान के निर्माण में डॉ. बीएन राव के योगदान को उजागर करते हुए कहा कि डॉ. बीएन राव ही संविधान के प्रारंभिक मसौदे के निर्माता थे, लेकिन डॉ. भीमराव अंबेडकर को इसका श्रेय दिया गया। स्वामी आनंद स्वरूप ने इस सत्य को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी जन आंदोलन चलाने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “सड़क से संसद तक हमारी आवाज गूंजेगी, ताकि देश का हर नागरिक डॉ. बीएन राव के योगदान को जान सके।”

कार्यक्रम का उद्देश्य और जन सामान्य मंच का विजन

जन सामान्य मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व डीआईजी पं. जुगल किशोर तिवारी ने अपने संबोधन में देश में व्याप्त वोट बैंक की राजनीति पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि इस राजनीति ने आम आदमी को उनके मूल अधिकारों से वंचित कर दिया है और समाज में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा किया है। जन सामान्य मंच का गठन इसी उद्देश्य से किया गया है कि एक भयमुक्त समाज का निर्माण हो, जहां हर नागरिक न केवल अपने अधिकारों से अवगत हो, बल्कि उन्हें प्राप्त भी कर सके। तिवारी ने कहा, “हमारा लक्ष्य एक ऐसे उन्नत राष्ट्र का निर्माण करना है, जहां हर व्यक्ति बिना किसी भेदभाव के सम्मान और सुरक्षा के साथ जी सके।”

मंच के राष्ट्रीय संगठन मंत्री जीवकांत झा ने मंच के दीर्घकालिक उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में गंगा, यमुना और नर्मदा नदियों के क्षेत्रों में जनमानस से निरंतर संवाद स्थापित कर मानव और पर्यावरण के बीच संतुलन को पुनर्जनन करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत प्राकृतिक जल स्रोतों जैसे नदियों, तालाबों, पोखरों, बावड़ियों और कुओं का पुनर्जनन करने के साथ-साथ गंगा, यमुना और नर्मदा को निर्मल और अविरल बनाने की मुहिम चलाई जा रही है। यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मंच का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत की सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत को संरक्षित करने की दिशा में कार्य कर रहा है।

डॉ. बीएन राव: संविधान के अनसुने नायक Constitution maker Dr. BN Rao

स्वामी आनंद स्वरूप ने अपने संबोधन में डॉ. बीएन राव के योगदान को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि डॉ. बीएन राव, जिन्हें संवैधानिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था, ने विभिन्न देशों के संविधानों का गहन अध्ययन किया और भारतीय संविधान का प्रारंभिक मसौदा तैयार किया।

यह मसौदा ही संविधान सभा की ड्राफ्टिंग कमेटी के लिए आधार बना, जिसके अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे। स्वामी आनंद स्वरूप ने स्पष्ट किया कि डॉ. अंबेडकर के योगदान को नकारा नहीं जा सकता, लेकिन डॉ. बीएन राव की भूमिका को पूरी तरह से भुला देना इतिहास के साथ अन्याय है। इस अवसर पर उनकी पुस्तक “संविधान निर्माता बीएन राव” का लोकार्पण भी किया गया, जो इस अनसुने नायक की कहानी को जनता तक पहुंचाने का एक प्रयास है।

आरक्षण और सामाजिक समानता पर विचार

प्रयागराज हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और मंच के सचिव राजेंद्र पांडेय ने आरक्षण नीति पर गहन विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आरक्षण का लाभ केवल कुछ चुनिंदा लोगों तक सीमित रहा है, जबकि समाज का एक बड़ा वर्ग अभी भी इससे वंचित है।

उन्होंने देश को आरक्षण से मुक्त करने और सामाजिक समानता की दिशा में काम करने का संकल्प दोहराया। पांडेय ने कहा, “हमें एक ऐसी व्यवस्था की आवश्यकता है, जहां अवसर सभी के लिए समान हों और किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो।”

कम्युनिस्ट विचारधारा और अन्य चुनौतियां

उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष प्रो. प्रेमचंद्र शास्त्री ने देश के सामने मौजूद चुनौतियों पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि भारत को आतंकवाद से अधिक खतरा कम्युनिस्ट विचारधारा से है, जो देश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता को कमजोर करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने देशवासियों से सजग रहने और अपनी सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत करने का आह्वान किया।

पुस्तक लोकार्पण और भविष्य की योजनाएं

कार्यक्रम का एक विशेष आकर्षण स्वामी आनंद स्वरूप द्वारा लिखित पुस्तक “संविधान निर्माता बीएन राव” का लोकार्पण रहा। यह पुस्तक डॉ. बीएन राव के जीवन और उनके संवैधानिक योगदान को विस्तार से प्रस्तुत करती है।

स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि इस पुस्तक के माध्यम से वे देशवासियों को सही इतिहास से अवगत कराना चाहते हैं। उन्होंने जन सामान्य मंच के माध्यम से एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाने की घोषणा की, जिसमें सही तथ्यों को जनता तक पहुंचाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम, सेमिनार और जनसभाएं आयोजित की जाएंगी।

पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जागरूकता

जन सामान्य मंच का विजन केवल सामाजिक सुधार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में भी सक्रिय है। गंगा, यमुना और नर्मदा जैसी नदियों को स्वच्छ और अविरल बनाने के लिए मंच ने कई योजनाएं तैयार की हैं। जीवकांत झा ने बताया कि मंच नदियों के किनारे बसे समुदायों के साथ मिलकर जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जनन पर कार्य करेगा। इसके साथ ही, मंच सामाजिक समानता और भयमुक्त समाज के निर्माण के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगा।

सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

हरिद्वार में आयोजित जन सामान्य मंच का यह संवाद कार्यक्रम न केवल देश की दशा और दिशा पर विचार-विमर्श का एक महत्वपूर्ण मंच बना, बल्कि भारतीय संविधान के निर्माण में डॉ. बीएन राव के योगदान को उजागर करने का भी एक ऐतिहासिक प्रयास रहा। स्वामी आनंद स्वरूप और अन्य वक्ताओं ने सही इतिहास को जनता तक पहुंचाने और भयमुक्त समाज के निर्माण की दिशा में एक मजबूत नींव रखी। यह कार्यक्रम सामाजिक, पर्यावरणीय और सांस्कृतिक मुद्दों पर गहन चिंतन का प्रतीक बना। जन सामान्य मंच का यह प्रयास निश्चित रूप से देश में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

कार्यक्रम में सम्मान और सहभागिता

कार्यक्रम में परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पं. अधीर कौशिक ने सभी अतिथियों को रुद्राक्ष की माला और अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. जितेंद्र सिंह ने कुशलतापूर्वक किया।

इस अवसर पर गंगा सभा के अध्यक्ष पं. नितिन गौतम, मनोज गौतम, पार्षद आकर्षिका शर्मा, योगी रजनीश, पदम प्रकाश शर्मा, मनोज शुक्ला, राज तिवारी, ऋषि शर्मा, संयोजक बालकृष्ण शास्त्री, विकास कुमार झा, अमित कुमार शर्मा, प्रेस क्लब महासचिव दीपक मिश्रा, सचिन तिवारी, रजनीश शुक्ला, सौरभ जोशी, आदित्य मिश्रा, रामचंद्र पांडे, राम अवतार मिश्र, जेपी जुयाल, रविंद्र नाथ दुबे, जयप्रकाश, शिवम शर्मा, दीपक मिश्रा, दिनेश चंद्र भट्ट, बृजभूषण विद्यार्थी, ईश्वर चंद्र, अमन पाठक, नवीन भारद्वाज, प्रशांत वशिष्ठ, शैंकी चौधरी, संजय कुमार मिश्रा, अंकुर पांडे, अमन शर्मा, शुभम शुक्ला, दीपक त्रिवेदी, सुनील पांडे, डॉ. के पी शर्मा, लक्ष्मीकांत मिश्र, राधेश्याम शर्मा, चंद्रशेखर मिश्र, देशराज शर्मा, अमित शर्मा, देवेश भारद्वाज, अजय कुमार कौशिक, दिलीप त्रिपाठी, शिवकुमार तिवारी, महेश त्रिपाठी, दीनानाथ त्रिपाठी, सिद्धार्थ श्रीवास्तव, बृजेश कुमार यादव, कृपा राय मिश्रा, परिवर्तन शुक्ला, रवि तिवारी, प्रदीप कुमार मिश्रा, अखिलेश चंद्र द्विवेदी, धर्मेंद्र कुमार मौर्य, प्रमोद शर्मा, श्रीमती तिवारी, प्रशांत दीक्षित, बृजेश पांडे, बबलू वेदालंकार, लोकेश भारद्वाज, अरुण सिंह, एसके सिंह, अशोक सिंह सहित हजारों गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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