नरेंद्र मोदी – की सरकार को तगड़ा झटका UPSC में EWS को आयुसीमा में 5 साल की छूट-MP Highcourt

Bhopal News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवारों को लेकर बड़ा आदेश दिया है. अब इस वर्ग के तहत आवेदन करने वालों को आयु सीमा में 5 साल की छूट दी जाएगी.
केंद्र की नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार और यूपीएससी के वकील ने याचिका पर आपत्ति दर्ज करने के लिए समय मांगा
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) श्रेणी के लोगों को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने अपने एक अंतरिम आदेश में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) को निर्देश दिया है कि वे ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में 5 साल की छूट के साथ सिविल सर्विस परीक्षा के फॉर्म भरने की इजाज दें. इतना ही नहीं उन्हें दूसरे आरक्षित वर्गों के कैंडिडेट की ही तरह 9 अटेंप्ट की भी इजाजत दी जाए.
यह आदेश चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस सुरेश जैन की पीठ ने 14 फरवरी को दिया है. दरअसल, मध्य प्रदेशके मैहर के याचिकाकर्ता आदित्य पांडे ने सवाल उठाया है कि EWS आवेदकों को दूसरे आरक्षित वर्गों की तरह आयुसीमा में छूट और परीक्षा देने की संख्या में एक जैसा लाभ क्यों नहीं मिलता.
आरक्षित वर्गों के कैंडिडेट की ही तरह 9 अटेंप्ट
टीओआई की एक खबर के मुताबिक, यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा 2025 के लिए 979 पोस्ट के लिए एड निकाला है. इसके प्रीलिम्स की परीक्षा 25 मई को होनी है. याचिकाकर्ता का कहना है कि EWS उम्मीदवारों को दूसरे आरक्षित वर्गों के कैंडिडेट की तरह समान अधिकारी मिलना चाहिए. पात्रता के मामले में उन्हें सामान्य कैटेगरी के उम्मीदावरों को साथ नहीं जोड़ना चाहिए. याचिका में तर्क दिया गया है कि आरक्षित वर्ग जैसे एससी, एसटी, ओबीसी, दिव्यांग उम्मीदवारों को आयु सीमा में 5 साल की छूट और 9 अटेंप्ट मिलते हैं.
यूपीएससी के वकील ने याचिका पर आपत्ति दर्ज करने के लिए समय मांगा था. इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि फॉर्म भरने की आखिरी तारीख नजदीक आ रही है. इसलिए याचिकाकर्ता को इसके लिए आवेदन करने की इजाजत देना सही समझते हैं.
कोर्ट ने यूपीएससी को निर्देश किया कि याचिकाकर्ता के साथ-साथ UPSC 2025 के लिए सभी समान स्थिति वाले उम्मीदवारों को मौजूदा योग्यता और आयुसीमा के संदर्भ के बिना ही स्वीकार करें. याचिका पर सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से आवेदन की तारीख बढ़ाए जाने का आग्रह किया गया था. युगलपीठ ने सुनवाई के बाद यूपीएससी से इस संबंध में जवाब मांगा है.

आयु सीमा में पांच साल की छूट
UPSC Economically Weaker Sections: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को निर्देश दिया है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के उम्मीदवारों को सिविल सेवा परीक्षा का फॉर्म भरने की अनुमति दी जाए, जिसमें उन्हें अधिकतम आयु सीमा में पांच साल की छूट मिले, और उन्हें अन्य रिजर्व कैटेगरी के उम्मीदवारों की तरह नौ अटेंप्ट करने की अनुमति दी जाए.
आसान शब्दों में कहें तो, मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने यूपीएससी से कहा है कि ईडब्ल्यूएस कैटेगरी के उम्मीदवारों को भी बाकी आरक्षित कैटेगरी के उम्मीदवारों की तरह ही उम्र में छूट और अटेंप्ट्स मिलने चाहिए, ताकि उन्हें भी परीक्षा में शामिल होने का बराबर मौका मिल सके.
हालांकि, इन उम्मीदवारों के नतीजे अदालत के अंतिम फैसले पर निर्भर करेंगे, मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति सुरेश जैन की पीठ ने अपने 14 फरवरी के आदेश में कहा है. याचिकाकर्ता, मध्य प्रदेश के मैहर शहर के आदित्य नारायण पांडे ने सवाल उठाया है कि ईडब्ल्यूएस आवेदकों को आयु में छूट और अटेंप्ट की संख्या में अन्य रिजर्व कैटेगरी के समान फायदे क्यों नहीं मिलते हैं. आसान शब्दों में कहें तो, कोर्ट ने अभी सिर्फ अंतरिम आदेश दिया है, फाइनल फैसला आना बाकी है. इसलिए, ईडब्ल्यूएस उम्मीदवार परीक्षा तो दे सकते हैं, लेकिन उनका रिजल्ट कोर्ट के आखिरी फैसले पर डिपेंड करेगा.
रिजल्ट कोर्ट के आखिरी फैसले पर डिपेंड
यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा 2025 के लिए 979 पदों का विज्ञापन दिया है और प्रारंभिक परीक्षा 25 मई को है. याचिका में तर्क दिया गया है कि ईडब्ल्यूएस कैंडिडेट्स को अन्य आरक्षित वर्गों के उम्मीदवारों के साथ समानता होनी चाहिए और पात्रता मानदंडों के मामले में जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों के साथ नहीं जोड़ा जाना चाहिए. रिजर्व कैटेगरी के उम्मीदवारों, जैसे एससी/ एसटी/ ओबीसी/ दिव्यांग को ऊपरी आयु सीमा में पांच साल की छूट और नौ प्रयास मिलते हैं.
केंद्र और यूपीएससी के वकील ने याचिका पर आपत्ति दर्ज करने के लिए समय मांगा, लेकिन हाई कोर्ट ने कहा: “चूंकि फॉर्म भरने की आखिरी तारीख नजदीक है, इसलिए हम याचिकाकर्ता को आवेदन करने की अनुमति देना उचित समझते हैं. यूपीएससी को निर्देश दिया जाता है कि वह याचिकाकर्ता के साथ-साथ समान रूप से स्थित अन्य सभी उम्मीदवारों के आवेदन को CSE-2025 के लिए मौजूदा योग्यता या उम्र के संदर्भ के बिना स्वीकार करे, लेकिन अन्य शर्तों के अनुपालन के अधीन. आवेदन 14 फरवरी से सात दिनों तक उपरोक्त शर्त पर और इस अदालत के आगे के आदेशों के अधीन स्वीकार किए जाएंगे.”हाईकोर्ट ने कहा कि “हालांकि, ऐसे उम्मीदवारों के नियुक्ति आदेश… इस अदालत की अनुमति के बिना जारी नहीं किए जाएंगे.”