भारत असली हीरो! रेलवे के स्विचमैन ने किया दिल छूने वाला काम

India real hero! Railway switchman did a heart touching work, half the money donated for the child's education
India real hero! Railway switchman did a heart touching work, half the money donated for the child's education

नई दिल्ली: मुंबई के वांगली रेलवे स्टेशन पर कुछ माह पूर्व एक रेल कर्मचारी ने अपनी जान की बाजी लगाकर मासूम बच्चे की जान बचाई थी. इस घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. बच्चे की जान बचाने वाले स्विचमैन मयूर शेलके को पुरस्कृत भी किया गया था.

पूरी मुंबई में यह घटना चर्चा का विषय बन गई थी. मयूर शेलके ने फेसबुक वॉल पर एक पोस्ट लिखकर उस वाकये के बारे में बताया कि जब भी इस घटना के बारे में सोचते हैं तो उनकी रूह कांप उठती है .

रेलवे के स्विचमैन ने मासूम बच्चे की बचाई थी जान मयूर शेलके ने बताया कि वो रोजाना की तरह अपनी ड्यूटी के लिए वांगली स्टेशन पर जा रहे थे.

वहां पर वो स्विचमैन का काम करते हैं. उन्होंने देखा कि एक बच्चा खेलते-खेलते रेल की पटरी गिर गया है और उसकी मां जोर जोर से साहिल…. साहिल… चिल्ला रही है. फिर सामने से तेज रफ्तार आती ट्रेन देखकर उसका दिल जोर-जोर से धड़कने लगता है.

साहिल की मां देख नहीं सकती थी. इसलिए वो अपने बच्चे को बचाने के लिए चिल्ला-चिल्ला कर मदद मांग रही थी. बच्चे की मां देख नहीं सकती थी शेलके ने बताया कि तेज रफ्तार आती ट्रेन से वो सिर्फ 20 मीटर की ही दूरी पर था.

उसने बताया कि वो जितनी तेजी से भाग सकता था भागा और उसे इस बात का एहसास हो गया था कि अगर वो बच्चे को नहीं उठा सका तो उसकी और बच्चे की मौत निश्चित है, लेकिन उसने अपने डर को काबू में किया और बच्चे की जान बचाने की कोशिश की.

जिसमें उन्हें कामयाबी भी मिली. एक सेकेंड की देरी से दोनों की जान जा सकती थी. शेलके ने बताया कि शुक्र है कि वो और साहिल सही सलामत हैं. साहिल की मां ट्रेन में खाने का सामान बेचकर गुजारा करती हैं इस घटना के बाद साहिल की मां जोर-जोर से रोने लगी .

और मयूर शेलके के पैर छूकर उसे धन्यवाद दिया और कहा कि तुमने मेरे बेटे की जान बचा ली भगवान तुम्हें लंबी उम्र दे. शेलके ने बताया कि वो भी इस घटना के बाद रोने लगे थे फिर उसे पता चला कि साहिल की मां ट्रेन में खाने पीने का सामान बेचकर गुजारा करती है.

और कोशिश करती है कि साहिल किसी तरह से स्कूल जा सके.साहिल की पढ़ाई का खर्च उठा रहे हैं मयूर शेलके मयूर शेलके ने बताया कि इस घटना के बाद जब मेरे साथी मेरी तारीफ कर रहे थे.

और मध्य रेल मंडल द्वारा मुझे 50 हजार का इनाम दिया जा रहा था पर मेरा मन साहिल और उसकी मां की तरफ से नहीं हटा. मैं तुरंत अपनी कमाई का आधा हिस्सा साहिल की पढ़ाई के लिए दान दे दिया. मैंने उसकी मां से कहा कि एक दिन ये बच्चा ढेर सारी खुशियां देगा. वो बस चुपचाप सुनकर रोती रही.

अब साहिल स्कूल जाने लगा है, मां बेटे कभी भूखे न रहें मैं इसका पूरा ख्याल रखता हूं. शेलके ने बताया कि वो अब इनके परिवार का हिस्सा बन गए हैं. साहिल उन्हें भाई बोलता है और उसकी मां मुझे बेटा कहकर बुलाती है. हम सब चाहते हैं कि सहिल पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ा हो जाएं।

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