कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की प्रेसवार्ता

Congress General Secretary Priyanka Gandhi's press conference
Congress General Secretary Priyanka Gandhi's press conference

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान के बाद तामाम राजनीतिक पार्टियों के बयान आए हैं, किसी ने इसे लोकतंत्र की जीत बताई है. किसी ने सरकार के अन्याय पर किसान आंदोलन की जीत कही है.

तो वहीं कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रेसवार्ता करते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कहा कि अब चुनाव में हार दिखने लगी तो आपको अचानक इस देश की सच्चाई समझ में आने लगी.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के ऐलान के बाद कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्विट करते हुए सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि चुनाव में हार दिखने लगी तो आपको अचानक इस देश की सच्चाई समझ में आने लगी.

वहीं, मीडिया से बातचीत करते हुए प्रियंका ने कहा कि यह पूरी तरह से किसानों की जीत है और सरकार के अहंकार की हार है. प्रियंका ने ट्वीट किया है कि ‘यह देश किसानों ने बनाया है, यह देश किसानों का है, किसान ही इस देश का सच्चा रखवाला है.

और कोई सरकार किसानों के हित को कुचलकर इस देश को नहीं चला सकती. आपकी नियत और आपके बदलते हुए रुख पर विश्वास करना मुश्किल है. किसान की सदैव जय होगी.

जय जवान, जय किसान, जय भारत.’ वहीं, कांग्रेस मुख्यालय पर शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए प्रियंका गांधी ने कृषि कानून वापसी को किसी भी राजनीतिक दल को जीत का श्रेय लेने के बजाय किसानों को ही जीत का पूरा श्रेय दिया.

उन्होंने कहा कि ये किसानों का आंदोलन था. करीब एक साल से देश के लिए किसान धरने पर बैठे थे. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का भी धन्यवाद दूंगी जिन्होंने एकजुट होकर किसान आंदोलन का समर्थन किया.

यही वजह है कि सरकार को झुकना पड़ा. प्रियंका ने अपने भाई राहुल गांधी को भी याद किया. उन्होंने कहा कि मेरे भाई ने पहले ही कह दिया था कि यह गलत है और सरकार को अपना फैसला एक दिन वापस लेना ही पड़ेगा.

आज सरकार ने वही किया.प्रियंका गांधी ने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी के बाद मनजीत सिंह के परिवार की ओर मेरा ध्यान गया जो गांव में रहते हैं.

मैं उनसे मिली थीं. जब मैं उनसे मिलने गई तो उन्होंने मुझसे कहा कि मेरी 19 साल की बेटी और 13 साल का बच्चा है. उन्होंने कुछ ज्यादा नहीं कहा, चुपचाप बैठे थे.

जब हम जाने वाले थे तो दलजीत सिंह की पत्नी मेरे पास आईं और उन्होंने कहा मुझे बहुत डर लग रहा है. मैं अपने पति के बिना इन दोनों बच्चों को कैसे संभालूंगी. अपनी बेटी के लिए डर लग रहा है.

इसी वजह से मेरा ध्यान उन पर गया. मैंने सोचा कि वह क्या सोच रही होंगी कि जिस सरकार के मंत्री के बेटे ने उनके पति को कुचला. जो प्रधानमंत्री उसी दिन या उसके अगले दिन लखनऊ आए.

लखनऊ से उनके घर 15 मिनट से हेलीकॉप्टर से पहुंच सकते थे. वह क्या सोच रहे होंगे कि यह प्रधानमंत्री हमारे यहां नहीं आए. कुछ बोला नहीं. उन्होंने पूरी तरह से हत्यारों का संरक्षण किया.

आज भी उनके साथ मंच पर वह मंत्री खड़े हैं. वह आज माफी मांग रहे हैं जब 600-700 किसान शहीद हो चुके हैं. क्यों मांग रहे हैं माफी? क्या यह देश समझ नहीं रहा है कि चुनाव आ रहे हैं.

उनको लग रहा होगा कि परिस्थितियां ठीक नहीं हैं. विधानसभा के चुनाव का सर्वे आया है उसमें उन्हें दिख रहा है कि परिस्थितियां सही नहीं है. अब चुनाव से पहले वे माफी मांगने आ गए.

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