गुजरात में बनेगी आम आदमी पार्टी की सरकार भाजपा की हालत खराब
गुजरात में बनेगी आम आदमी पार्टी की सरकार भाजपा की हालत खराब
फ्री बिज़ली DELHI के अलावा पंजाब में भी देकर AAP ने ये साबित कर दिया की वो वादे पर खरी है ,जहां एक तरफ बीजेपी मध्यम वर्ग के लोगो से टैक्स पर टैक्स वसूल कर उनका जीना मुस्किल कर दिया है वही फ्री की AAP वाली बिज़ली मरहम लगाने का काम कर रही है .
गुजरात में इस साल के अंत में होने विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल सक्रिय हो गए हैं. आम आदमी पार्टी भी पंजाब के बाद अब गुजरात में अपने किस्मत आजमाने जा रही है. आप यहां भाजपा के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी और कांग्रेस के संगठन में दरार का पूरा फायदा लेने की कोशिश में है.
दिल्ली में अपने जड़े जमा चुकी आम आदमी पार्टी अब अन्य राज्यों में पार्टी के विस्तार के लिए पूरा जोर लगा रही है. अब पंजाब में बड़ी जीत हासिल करके आम आदमी पार्टी का पूरा ध्यान गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव पर हैं (Gujarat Assembly Election). इन दिनों गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल काफी गंभीर है
(Arvind Kejriwal AAP). गुजरात में 2017 में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन फिर भी सत्ता हाथ ना लगी. ऐसे में वर्तमान में कांग्रेस पार्टी में फूट का फायदा उठाने के लिए और भाजपा को हराने के लिए आम आदमी पार्टी ने गुजरात के संगठन (Gujarat AAP) में बड़ा बदलाव किया है.”आप” को अपने आंतरिक सर्वे से काफी बल मिला है. इस सर्वे में उसे गुजरात में 58 सीटों पर जीत मिल सकती है. आप भाजपा के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी और कांग्रेस के संगठन में दरार का पूरा फायदा लेने की कोशिश में है.
गुजरात विधानसभा चुनाव को देखते हुए आम आदमी पार्टी सक्रिय हो चुकी है. पंजाब में बहुमत के साथ सत्ता हासिल करने के बाद अब आम आदमी पार्टी अपना विस्तार हिमाचल प्रदेश और गुजरात तक करना चाहती है. इसी का नतीजा है कि अरविंद केजरीवाल इन दिनों गुजरात को लेकर कुछ ज्यादा ही गंभीर नजर आ रहे हैं.
गुजरात में पिछले 27 सालों से सत्ता पर भाजपा काबिज है. ऐसे में एंटी इनकंबेंसी फैक्टर और कांग्रेस के संगठन में आई दरार का पूरा फायदा उठाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने तैयारी कर ली है. हालांकि गुजरात की सियासत में अचानक से उभरे एक राजनीतिक दल पर मतदाताओं का भरोसा मिलना आसान नहीं होगा.
”आप” को सूरत से मिली उम्मीद
गुजरात में पिछले दिनों हुए निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी को सूरत में सफलता मिली. यहां पार्टी के 27 पार्षदों को जीत मिली. इसके बाद एक उम्मीद के तौर पर अरविंद केजरीवाल ने अपनी चुनावी यात्रा शुरू कर दी. हालांकि आम आदमी पार्टी का संगठन गुजरात में इतना मजबूत नहीं है कि वह भाजपा को चुनौती दे सके. हां इतना जरूर है कि आप गुजरात में वोट कटवा जरूर बन सकती है जो कांग्रेस के लिए ज्यादा नुक्सानदायक होगा.
गुजरात में कांग्रेस का विकल्प बनने को तैयार है ”आप”
आम आदमी पार्टी गुजरात में कांग्रेस का विकल्प बनने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है. पार्टी प्रदेश प्रभारी डॉ संदीप पाठक के आंतरिक सर्वे में आम आदमी पार्टी को 58 सीटें मिलने का दावा किया गया है. हालांकि इसमें पार्टी की तरफ से चुनाव के नजदीक और भी ज्यादा फायदा मिलने की बात कही जा रही है. गुजरात में आम आदमी पार्टी ने इसके लिए अपने संगठन में भी कई बदलाव किए हैं.
पार्टी ने अपने संगठन के 107 पदों में से 33 पदों पर सूरत को प्राथमिकता दी है. इसकी वजह भी साफ है क्योंकि सूरत के स्थानीय निकाय में आम आदमी पार्टी ने बढ़िया प्रदर्शन किया था. आम आदमी पार्टी पंजाब में भी एक बार में ही नहीं सत्ता हासिल कर पाई. ”आप” को 2017 में पंजाब में उसे मुख्य विपक्षी दल का दर्जा मिल चुका था. इसलिए इस बार कोशिश है गुजरात में उसे सत्ता भले ही ना मिले लेकर कांग्रेस की जगह उसे मुख्य विपक्षी दल का दर्जा जरूर मिल जाए.
AAP हुई सक्रिय तो BJP ने और तेज की तैयारियां
दरअसल गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी है. गुजरात में पहले भाजपा को कांग्रेस से ही चुनौती मिल रही थी लेकिन अब आम आदमी पार्टी के सक्रिय हो जाने से बीजेपी और भी ज्यादा सतर्क हो गई है. गुजरात में आम आदमी पार्टी ने भारतीय ट्राईबल पार्टी से गठबंधन कर लिया है.
तो वहीं अब नरेश पटेल को पार्टी में लाने की कोशिशें जारी हैं. हालांकि भाजपा के मजबूत संगठन के आगे आम आदमी पार्टी कहीं भी नहीं टिकती है. इसके पहले भी भाजपा से नाराज होकर सत्ता को चुनौती देने वाले पार्टी के कद्दावर नेता शंकर सिंह वाघेला, केशुभाई पटेल ने पूरी कोशिश की थी लेकिन जनता ने उन्हें नकार दिया. गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी भले ही भाजपा को सीधे चुनौती ना दे पाए लेकिन इतना तो तय है कि राज्य में कांग्रेस को नुकसान पहुंचेगा.