सुल्तानपुर जेल में बंदी विजय और मनोज की हुई थी हत्या;PM रिपोर्ट में खुलासा
सुल्तानपुर जेल में बंदी विजय और मनोज की हुई थी हत्या;PM रिपोर्ट में खुलासा.
Sultanpur:(Reliable Media)Sultanpur Jail में 20 जून को दोनों अभियुक्तों का शव अंदर एक पेड़ से लटका हुआ मिला था.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सुल्तानपुर जेल में कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले हत्या के अभियुक्त विजय पासी (20) और मनोज रैदास (19) की मौत में एक नया मोड़ आ गया है. 20 जून को दोनों अभियुक्तों का शव सुल्तानपुर जेल के अंदर एक पेड़ से लटका हुआ मिला था. आनन-फानन में अधिकारियों ने आत्महत्या का कयास लगाते हुए इस सनसनीखेज घटना में जांच बैठा दी थी और मृतकों के पैनल के डॉक्टर द्वारा पोस्टमार्टम किया गया.
पोस्टमार्टम में विजय पासी के शरीर पर छाती, हाथ और पैर समेत 13 जगह तो वहीं मनोज रैदास के शरीर पर तीन जगह चोटों के निशान हैं, जो उनके शरीर पर मौत से पहले लगे थे.
मौत का कारण हैंगिंग
इस खुलासे के बाद प्रशासन की आत्महत्या की थ्योरी उलझ गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आए तथ्यों पर बातचीत करते हुए सुल्तानपुर के पुलिस अधीक्षक सोमेन वर्मा ने क्विंट हिंदी से कहा,” यह बहुत हल्की चोटें हैं और किसी भी कारण से हो सकती हैं.”
दोनों कैदियों की मौत का कारण हैंगिंग (asphyxia due to ante-mortem hanging) बताया गया है.पोस्टमार्टम में यह भी लिखा है कि दोनों के शव 2- 3 दिन पुराने हैं. इस पर जवाब देते हुए पुलिस अधीक्षक वर्मा ने कहा कि यह बहुत स्वाभाविक है क्योंकि पोस्टमार्टम मौत के दूसरे दिन हुआ है.
उन्होंने आगे बताया,” इस घटना में एक न्यायिक जांच होगी. जब कमेटी इस जांच के बाद पूरे तथ्यों के साथ सामने आएगी, तब हम कुछ ठोस तरीके से कह पाएंगे. इससे पहले मेरा बयान देना जल्दबाजी होगी.”
परिजनों का आरोप- जेल में हुई हत्या
दो कैदियों की मौत के बाद जहां जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है. वहीं, मृतकों के गांव में मातम पसरा हुआ है. मृतक विजय पासी के पिता जगनारायण ने स्थानीय मीडिया से बातचीत करते हुए आरोप लगाया कि उनके बेटे की हत्या हुई है.
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जिला जेल सुल्तानपुर में विचाराधीन बंदी करिया और मनोज की कथित रूप से फांसी लगाने से मौत नहीं हुई थी। जबकि इन बंदियों की फांसी लगाकर हत्या की गई थी। इस सच की पुष्टि मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट में हुई है। दिलचस्प बात यह है कि जांच रिपोर्ट विभाग के मुखिया के पास पहुंचने के बाद भी दोषी अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जेल प्रशासन का दावा था कि इन दोनों कैदियों ने मानसिक अवसाद के कारण फांसी लगा ली।
बीती 22 जून 2023 को सुल्तानपुर जिला जेल में दो बंदियों के फांसी लगाकर आत्महत्या किए जाने का मामला सुर्खियों में आया था। बंदियों की मौत के बाद परिजनों ने हंगामा मचाया। बंदियों के परिजनों का आरोप था कि बंदियों ने आत्महत्या नहीं की है, उनकी हत्या की गई है। मामले को बढ़ता देख जिला प्रशासन ने इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराए जाने का आश्वासन देकर किसी तरह मामले को शांत कराया था।
जिला प्रशासन ने मामले की जांच सीजेएम सुल्तानपुर सपना त्रिपाठी को सौंपी। मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट में मृतक बंदियों को अवसाद से ग्रस्त नहीं पाया गया। जांच में पाया गया कि मृतक बंदी मनोज और करिया की मौत के समय और कारण पूर्णतया संदिग्ध है। उनकी मृत्यु 21 जून 2023 के पूर्व हो चुकी थी किंतु जेल प्रशासन ने जानबूझकर उनके मृत्यु की सूचना नहीं दी थी।
सीजेएम सपना त्रिपाठी की रिपोर्ट के मुताबिक मृतक बंदियों की मौत का कारण एंटी मॉर्टम हैंगिंग है, किंतु उनके पोस्ट मॉर्टम से स्पष्ट है कि मृतक बंदियों को किसी नशीले पदार्थ के प्रभाव में उनकी इच्छा के विरुद्ध फांसी पर लटकाया गया, जिसके कारण यह मामला आत्महत्या का नहीं, बल्कि हत्या का है जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी जेल प्रशासन की है। उधर इस संबंध में जब अपर मुख्य सचिव कारागार राजेश कुमार सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनके निजी सचिव विनय सिंह ने बताया कि वह मीटिंग में है, अभी बात नहीं हो पाएगी। उन्होंने कहा अभी ऐसी कोई रिपोर्ट सामने नहीं आई है।
दोषियों पर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही की मांग
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने 22 जून 2023 को जिला जेल सुल्तानपुर में विचाराधीन बंदी करिया और मनोज की हत्या के मामले में दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही कराए जाने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव कारागार राजेश कुमार सिंह के पास पहुंच गई है। किंतु उनके द्वारा जानबूझकर मामले में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उन्होंने अविलंब हत्या का मुकदमा दर्ज करने कर उसकी सीबीसीआईडी जांच की मांग की है। इसके साथ ही जेल अधीक्षक सहित अन्य जिम्मेदार अफसरों को तत्काल निलंबित किए जाने की भी मांग की है।
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