Sports Exclusive: बजरंग पूनिया Bajrang Punia ने लौटाया पद्मश्री, सोशल मीडिया x पर किया बड़ा ऐलान
बजरंग पूनिया Bajrang Punia ने लौटाया पद्मश्री, सोशल मीडिया x पर किया बड़ा ऐलान साक्षी के संन्यास लेने के बाद पहलवान बजरंग पूनिया ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, कि मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूं।
भारतीय कुश्ती खिलाड़ी बजरंग पूनिया Bajrang Punia ने भारतीय कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष के विरोध के तौर पर अपने पद्म श्री पुरस्कार को लौटाने का ऐलान करने के साथ सोशल मीडिया पर एक बड़ा बयान भी जारी किया है।
भारतीय कुश्ती महासंघ के नए अध्यक्ष के तौर पर संजय सिंह के नाम ऐलान होने के बाद से लगातार कई भारतीय कुश्ती खिलाड़ी उनका विरोध करतेह हुए नजर आए हैं, जिसमें सबसे पहले साक्षी मलिक ने जहां कुश्ती से अपने संन्यास का ऐलान करते हुए सभी को चौंका दिया था.
तो वहीं ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया ने भी अब अपने पद्म श्री पुरस्कार को लौटाने का ऐलान कर दिया है, जिसमें उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर एक लंबा-चौड़ा बयान भी जारी किया है।
ओलंपिक पदक विजेता पहलवान साक्षी मलिक ने पहलवानी से संन्यास ले लिया है। इसके बाद कई लोगों के रिएक्शन सामने आ रहे हैं। साक्षी के संन्यास लेने के बाद पहलवान बजरंग पूनिया ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूं। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है। यही मेरी स्टेटमेंट है।
कहने के लिए बस मेरा ये पत्र है Bajrang Punia
पहलवान बजरंग पूनिया ने अपना पद्म श्री पुरस्कार वापस लौटाने के साथ सोशल मीडिया पर जो बयान जारी किया उसमें उन्होंने लिखा कि मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जीत को वापस लौटा रहा हूं, कहने के लिए बस मेरा ये पत्र है और यही मेरा बयान है। बजरंग ने अपने इस स्टेटमेंट में लिखा कि माननीय प्रधानमंत्री जी, उम्मीद है कि आप स्वस्थ होंगे।
आप देश की सेवा में व्यस्त होंगे। आपकी इस भारी व्यस्तता के बीच आपका ध्यान हमारी कुश्ती पर दिलवाना चाहता हूं। आपको पता होगा कि इसी साल जनवरी महीने में देश की महिला पहलवानों ने कुश्ती संघ पर काबिज बृजभूषण सिंह पर सेक्सुएल हरासमैंट के गंभीर आरोप लगाए थे, जब उन महिला पहलवानों ने अपना आंदोलन शुरू किया तो मैं भी उसमें शामिल हो गया था।
आंदोलित पहलवान जनवरी में अपने घर लौट गए, जब उन्हें सरकार ने ठोस कार्रवाई की बात कही। लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी जब बृजभूषण पर एफआईआर तक नहीं दर्ज हुई तब हम पहलवानों ने अप्रैल महीने में दोबारा सड़क पर उतरकर आंदोलन किया ताकि दिल्ली पुलिस कम से कम बृजभूषण सिंह पर एफआईआर दर्ज करे.
लेकिन फिर भी बात नहीं बनी तो हमें कोर्ट में जाकर एफआईआर दर्ज करवानी पड़ी। जनवरी में शिकायतकर्ता महिला पहलवानों की गिनती 19 थी जो अप्रैल तक आते-आते 7 रह गई थी.
यानी इन 3 महीनों में अपनी ताकत के दम पर बृजभूषण सिंह ने 12 महिला पहलवानों को अपने न्याय की लड़ाई में पीछे हटा दिया था। आंदोलन 40 दिन चला, इन 40 दिनों में एक महिला पहलवान और पीछे हट गईं।
हम सबपर बहुत दबाव आ रहा था, हमारे प्रदर्शन स्थल को तहस-नहस कर दिया गया और हमें दिल्ली से बाहर खदेड़ दिया गया और हमारे प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी। जब ऐसा हुआ तो हमें कुछ समझ नहीं आया कि हम क्या करें।
इसलिए हमने अपने मेडल गंगा में बहाने की सोची, जब हम वहां गए तो हमारे कोच साहिबान और किसानों ने हमें ऐसा नहीं करने दिया। उसी समय आपके एक जिम्मेदार मंत्री का फोन आया और हमें कहा गया कि हम वापस आ जाएं।
बृजभूषण सिंह के खेमे के माने जा रहे संजय सिंह
भारतीय कुश्ती महासंघ में पिछले काफी समय से महिला और पुरुष रेसलर ने पिछले अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाने के साथ उनके खिलाफ आंदोलन भी किया था। वहीं अब कुश्ती संघ के नए अध्यक्ष के तौर पर नियुक्त हुए संजय सिंह भी बृजभूषण सिंह के ही खेमे के माने जा रहे हैं और इस कारण पहलवानों के बीच एक बार फिर से गुस्सा देखने को मिल रहा है।
हमें हर बार आश्वासन दिया जाता था
पहलवान हर किसी के पास गए, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन देकर वापस भेज दिया जाता था। हमने अपने मेडल गंगा में बहाने का भी प्रयास किया। वहां से भी हमें समझा बुझा कर वापिस भेज दिया गया। बजरंग पूनिया ने बताया कि वह लोग गृहमंत्री के पास भी गए थे।
उन्होंने भी उनको आश्वासन दिया था कि वह महिला पहलवानों को न्याय दिलाएंगे और फेडरेशन से बृजभूषण, उसके परिवार और उसके गुर्गों को बाहर करेंगे।
बृजभूषण अपना दबदबा होने का दावा कर रहा है
पूनिया ने कहा कि बीती 21 दिसंबर को हुए कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण दोबारा काबिज हो गया है। उसने स्टेटमेंट दी है कि दबदबा है और दबदबा बना रहेगा। बृजभूषण अपना दबदबा होने का दावा कर रहा है। इस मानसिक दबाव में आकर ओलंपिक विजेता एकमात्र महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया।
हम सभी की रात रोते हुए निकली है
पूनिया ने कहा कि हम सभी की रात रोते हुए निकली है। समझ नहीं आ रहा कि कहां जाएं, क्या करें और कैसे जिएं। मुझे इतना मान सम्मान दिया सरकार ने, लोगों ने। क्या इसी सम्मान के बोझ तले दबकर घुटता रहूं। मुझे पद्मश्री से नवाजा गया। खेल रत्न और अर्जुन अवार्ड से भी सम्मानित किया ये सम्मान आपको लौटा रहा हूं
जिस खेल के लिए महिला खिलाड़ियों को सम्मान मिला आज वहीं त्याग दिया। हम सम्मानित पहलवान कुछ नहीं कर सकते। महिला पहलवानों को अपमानित किए जाने के बाद मैं सम्मानित बनकर अपनी जिंदगी नहीं जी पाउंगा। ऐसी जिंदगी ताउम्र कचोटेगी मुझे। इसलिए ये सम्मान आपको लौटा रहा हूं। गया। बहुत खुश था, लेकिन आज दुखी हूं।
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