सनातन ब्राह्मण चौपाल के मनोज दीक्षित ने की ब्राह्मण को मुवावजे की मांग , दलित बच्चे की हत्या में महिला ने फंसाया था ब्राह्मण परिवार को, वसूल लिए थे 4 लाख
मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक दलित बच्चे की हत्या में नया मोड़ सामने आया है। 6 साल के दलित बच्चे की हत्या के आरोप में गिरफ्तार ब्राह्मण परिवार इस मामले में बेकसूर साबित हुआ है। बच्चे की हत्या उसकी मां ने अपने देवर के साथ मिलकर की थी और एक ब्राह्मण परिवार पर इसका आरोप लगा दिया था। सच्चाई सामने आने के बाद एससी-एसटी आयोग ने महिला के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज करने के लिए केस दर्ज करने को कहा है। आयोग ने पुलिस को महिला को मिली आर्थिक मदद भी वापस वसूलने का आदेश दिया है।
मथुरा के नौहझील के भैरई गांव में 19 अगस्त को एक छह साल के दलित बच्चे की हत्या हो गई। बच्चे की मां ने इस हत्या का आरोप गांव के ब्राह्मण बच्चू पंडित और उसके परिवार के पांच अन्य लोगों पर लगाया। मां ने एससी-एसटी एक्ट के तहत इनपर केस दर्ज किया, जिसके बाद बच्चू पंडित को फौरन गिरफ्तार कर लिया गया। जब मामला एससी-एसटी आयोग के पास पहुंचा और इसकी छानबीन हुई तो सामने आया कि बच्चे की हत्या और किसी ने नहीं, बल्कि उसकी अपनी मां ने की थी।
गिरफ्तारी के खिलाफ महिलाओं ने किया प्रदर्शन
एससी-एसटी आयोग ने लिया संज्ञान गुड्डी देवी नाम की महिला ने अपने देवर संग मिलकर छह साल के बेटे को मौत के घाट उतार दिया। ब्राह्मण परिवार पर हत्या का आरोप लगाकर उसने दलित की हत्या पर मुआवजे के तौर पर मिलने वाली 4.12 लाख की रकम भी ले ली। एससी-एसटी आयोग के चेयरमैन बृजलाल ने मामले में संज्ञान लेते हुए एसएसपी बबलू कुमार को महिला के खिलाफ कार्रवाई करने का आदेश दिया है। चेयरमैन ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट का दुरुपयोग किसी को नहीं करने दिया जाएगा।
गिरफ्तारी के खिलाफ महिलाओं ने किया प्रदर्शन उन्होंने एसएसपी को आदेश देते हुए महिला के खिलाफ झूठा केस करने के लिए कार्रवाई करने को कहा और उसे मिली मुआवजे की रकम वापस वसूल करने के आदेश दिए। उन्होंने कगा कि रकम देने से वो मना करें तो जमीन या घर की नीलामी से इसे वसूल किया जाए। दलित बच्चे के आरोप में बच्चू पंडित को 21 अगस्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। बच्चू पंडित के बचाव में नौहझील में महिलाओं ने सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन किया।
4.12 लाख की रकम भी हासिल कर ली
मथुरा में छह साल के दलित बच्चे की हत्या में फंसाए गए ब्राह्मण परिवार के साथ एससी-एसटी आयोग खड़ा हो गया है। आयोग के चेयरमैन ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए एसएसपी मथुरा को आदेश दिया है कि झूठा मुकदमा लिखवाने वाली महिला के खिलाफ तत्काल रिपोर्ट कराई जाए। इतना ही नहीं बच्चे की हत्या में उसने जो 4 लाख 12 हजार रुपया आर्थिक सहायता का लिया था, उसकी वसूली की जाए।
यह सनसनीखेज मामला नौहझील के गांव भैरई का है। गांव की दलित महिला गुड्डी देवी ने 19 अगस्त को अपने छह साल के बेटे प्रिंस की अपने देवर आकाश के साथ मिलकर हत्या कर दी और गांव के ही बच्चू पंडित समेत ब्राह्मण परिवार के पांच लोगों को हत्या और एससीएसटी एक्ट के तहत नामजद करा दिया।
इतना ही नहीं दलित की हत्या पर पहली किस्त के रूप में मिलने वाली 4.12 लाख की रकम भी हासिल कर ली। खुलासा होने के बाद मामला एससी-एसटी आयोग तक भी पहुंच गया। आयोग के चेयरमैन बृजलाल ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एसएसपी बबलू कुमार को झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाली दलित महिला के खिलाफ रिपोर्ट लिखाने को कहा है।
पुलिस शुरूआत में ही पड़ताल कर लेती तो आज एक बेगुनाह जेल में न होता
उन्होंने कहा कि सरकारी सहायता वाली जो रकम इस परिवार को दी गई थी उसकी तत्काल वसूली की जाए। साथ ही कहा है कि अगर पैसा देने में लोग आनाकानी करें तो जमीन या फिर मकान को नीलाम करके पैसा वसूला जाए। अमर उजाला से हुई बातचीत में चेयरमैन ने कहा कि एससी-एसटी एक्ट का किसी भी स्थिति में दुरपयोग नहीं होने दिया जाएगा। आयोग ब्राह्मण परिवार के साथ है।
पुलिस ने भी गजब की तेजी दिखाई। मुकदमा दर्ज होने के साथ ही 21 अगस्त को बच्चू पंडित को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। वो पिछले 21 दिन से जेल काट रहा है। जबकि उसने कोई गुनाह नहीं किया है। अब सवाल यह उठता है कि उसने जो इक्कीस दिन जेल में काटे हैं उनका क्या।
अगर पुलिस शुरूआत में ही पड़ताल कर लेती तो आज एक बेगुनाह जेल में न होता। इस मामले को लेकर नौहझील क्षेत्र में काफी हंगामा हुआ। महिलाएं तक सड़क पर उतरीं और नामजदगी को झूठा बताते हुए प्रदर्शन किया।
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