भारत में कोरोना टीकाकरण: पहली बार दोनों टीका लगवा चुके लोगों की संख्या ज्यादा
नई दिल्ली: भारत में कोरोना टीकाकरण अभियान बड़ी ही तेजी से चल रहा है। टीकाकरण शूरू होने के बाद से अब तक पहली बार ऐसा हुआ है जब देश में पहली बार पूरी तरह से टीकाकरण करवाने वालों की संख्या आंशिक रूप से टीकाकरण करवाने वालों से ज्यादा हो गई है।
इसका मतलब है कि देश में कोरोना की दोनों डोज लेने वालों की संख्या एक डोज लेने वालों से ज्यादा हो गई है। आंकड़ो से यह जानकारी मिली है।
को-विन डैशबोर्ड से मिले डेटा के मुताबिक मंगलवार की रात तक, भारत में कोविड -19 वैक्सीन लगवाने वाले कुल 75.54 करोड़ लोगों में से, 38.7 करोड़ लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है (दोनों शॉट प्राप्त किए हैं) और अन्य 37.47 करोड़ को केवल एक शॉट मिला है।
ऐसा माना जाता है कि भारत में कुल 94 करोड़ वयस्कों की आबादी है, तो इसका मतलब है कि देश के 40.3% वयस्कों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है, जबकि अन्य 40.2 प्रतिशत को अब तक एक ही डोज दिया गया है।भारत में कोरोना के 10,351 नए मामले दर्ज किए, जिससे मामले की दर 274 दिनों में सबसे कम हो गई।
इस प्रकार, देश में अब तक लगभग 3.45 करोड़ कोविड -19 मामले हैं और वायरल बीमारी से मरने वालों की संख्या 464,213 हो गई। वेबसाइट अवर वर्ल्ड इन डेटा द्वारा बनाए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत की आबादी का औसतन 54.1% (पूरी आबादी, न कि केवल 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को) ने कम से कम एक टीका प्राप्त किया है, जबकि 26.8% पूरी तरह से टीका लगाया गया है।
इन आंकड़ों का वैश्विक औसत क्रमश: 52.2% और 40.9% है। देश अक्टूबर की शुरुआत से दोनों खुराक लेने वालों का यह अंतर कम होता आ रहा है, दूसरी खुराक लेने वालों की संख्या पहली खुराक वालों से आगे निकल गयी।
आंकड़ों से पता चलता है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह से टीके की सिर्फ एक खुराक देने वाले लोगों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। अधिकारियों को डर है कि पहली खुराक लगवाने वाले लोगों में आई गिरावट देश के लगभग उन 20% व्यस्कों को प्रभावित कर सकती है जिन्होंने अभी कोरोना की वैक्सीन नहीं लगवाई।
यह साल के अंत तक भारत के सभी वयस्कों को पूरी तरह से टीकाकरण के बड़े लक्ष्य को प्रभावित कर सकती है। बता दें कि कुछ ऐसा हासिल करने में कोई देश कामयाब नहीं हुआ है।
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