उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष संदीप बडोला को हटा दिया गया
उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष संदीप बडोला को हटा दिया गया है .कौंसिल अध्यक्ष का चार्ज स्वास्थ्य महानिदेशक डॉक्टर दीपा त्यागी ने ले लिया है .काउंसिल में मनमानी की कई शिकायतें मिलने के बाद बडोला पर यह कार्रवाई की गई है .फार्मेसी कॉलेज से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों को उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल में पंजीयन करना होता है, इसके लिए काउंसिल की नियमावली बनी है. काउंसिल के संचालन के लिए 15 सदस्य होते हैं .इनमें से पांच सदस्यों को शासन मनोनीत करता है .6 सदस्य फार्मासिस्ट चुनाव के जरिए चुने जाते हैं .इनके अलावा स्वास्थ्य महानिदेशक,ड्रग कंट्रोलर व ड्रग एनालिस्ट पदेन सदस्य और एम सी आई की ओर से चुना गया एक सदस्य होता है.
चुनाव के बाद बिना मीटिंग बुलाये बने अध्यछ
बीते मार्च में फार्मेसी काउंसिल के सदस्य के रूप में संदीप बडोला,अखिल सिंह ,प्रमोद त्रिपाठी ,अनीश शंकर पटेल और रविंद्र राणा चुने गए .आरोप है कि निर्धारित प्रक्रिया के तहत काउंसिल का गठन नहीं किया गया. सप्ताह भर में संदीप बडोला अध्यक्ष बन गए .इस बीच कई तरह की मनमानी की शिकायतें होने लगी .स्वास्थ्य महानिदेशक डॉक्टर दीपा त्यागी ने बताया कि काउंसिल सदस्यों के चयन के बिना ही आनन फानन में कमेटी गठित कर ली गई .थी इसलिए चयन को निरस्त कर दिया गया है .उन्होंने अध्यक्ष का चार्ज खुद ले लिया है .सचिव की जिम्मेदारी निदेशक पैरामेडिकल के पास है .विधिक रूप से कार्यकारिणी का गठन होने के बाद ही अध्यक्ष और सचिव भी उन्हें सदस्यों के बीच से चुना जाएगा.
शशि भूषण ने दिया बयान
अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशि भूषण सिंह ने कहा कि निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए ही अध्यक्ष को चुना जाना चाहिए था .हालांकि उन्होंने कहा कि कोई भी अध्यक्ष बने वह फार्मेसी को आगे ले जाने के लिए तत्पर रहे,और फार्मासिस्टों की समस्याओं का समाधान करने में रूचि दिखाएं .उन्होंने आगामी बनने वाले अध्यक्ष के लिए सही प्रक्रिया बनाए जाने की पुरजोर वकालत की .उनका कहना था कि जो भी अध्यक्ष बनेगा अखिल भारतीय फार्मासिस्ट एसोसिएशन उसके साथ तालमेल बैठा करके कार्य करेगी।
संदीप बडोला इसके पूर्व में भी डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष रह चुके हैं.