Fact Check श्रद्धा वाकर एक ईसाई लड़की है और आफताब एक मुस्लिम लड़का -श्रद्धा वाकर मर्डर केस
(Rakesh Pandey) श्रद्धा वाकर के पिता का नाम विकास वाकर है- विकास वाकर . विकास एक कोली समुदाय से आने वाले व्यक्ति हैं जिन्होंने ईसाई धर्म को स्वीकार कर लिया और अपना नाम विकास वाकर लिया .विकास वाकर की ही पुत्री है श्रद्धा वाकर , इसलिए कृपया जो लोग यह भ्रम फैला रहे हैं की श्रद्धा वाकर एक हिंदू लड़की है इस भ्रम को फेलाना बंद कर दे. श्रद्धा वाकर एक इसाई लड़की है और आफताब एक मुस्लिम लड़का है इसे आप उसी तरह से देखें जिस तरह से देखना चाहिए हालाँकि सहनुभूति प्रर्दशित करना श्रद्धा वाकर के प्रति कहीं से भी गलत नहीं ठहराया जा सकता है लेकिन श्रद्धा वाकर को उसी तरह की हिंदू का प्रचार करना यह बहुत ही बेहतर नहीं कहा जा सकता Fact Check श्रद्धा वाकर एक ईसाई लड़की है और आफताब एक मुस्लिम लड़का.
प्यार एक खूबसूरत एहसास है, लेकिन दिल्ली में हुई श्रद्धा वॉकर की हत्या ने इसे डरावना बना दिया है. अपने प्रेमी के लिए मुंबई की एक लड़की माता-पिता से लड़ जाती है, मगर उसे मिलती है मौत.
दिल्ली में करीब 5 महीने पहले 18 मई को अपनी 27 वर्षीय लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वॉकर की हत्या करने वाले आफताब अमीन पूनावाला को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया.
आरोपी 28 साल का है और मुंबई का रहने वाला है. पुलिस के मुताबिक, आफताब ने श्रद्धा वाकर की हत्या कर उसकी शव के 35 टुकड़े किए थे और दिल्ली के अलग-अलग इलाके में फेंक दिए थे.
27 साल की श्रद्धा वॉकर मुंबई के एक मल्टीनेशनल कंपनी में कॉल सेंटर में काम करती थी. वहीं श्रद्धा वाकर की आफताब अमीन से मुलाकात हुई. फिर दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे और वे लिव-इन रिलेशन में रहने लगे. जब परिवार को इस रिश्ते के बारे में जानकारी हुई तो उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया. दोनों करीब तीन साल तक लिव-इन पार्टनर रहे.
परिवार के विरोध के बाद श्रद्धा वाकर और आफताब ने अचानक मुंबई को छोड़ दिया. इसके बाद वो महरौली के छतरपुर इलाके में रहने लगे, लेकिन इसी बीच श्रद्धा वाकर का फोन नंबर बंद आने लगा. 8 नवंबर को 59 साल के विकास मदान वॉकर ने अपनी बेटी के अपहरण की एफआईआर दिल्ली के महरौली थाने में दर्ज कराई.
श्रद्धा वॉकर के पिता ने बताया कि वह परिवार सहित महाराष्ट्र के पालघर में रहते हैं. जब वह 8 नवंबर को छतरपुर स्थित श्रद्धा वाकर के फ्लैट पर पहुंचे, जहां बेटी किराये पर रहती थी तो फ्लैट के दरवाजे पर ताला बंद मिला. फिर उन्होंने महरौली थाने में पहुंचकर पुलिस को एफआईआर दर्ज कराई.
पुलिस ने आफताब को उसके फ्लैट से हिरासत में लिया तो वह लगातार यह बोल रहा था की लड़की यहां नहीं है, लड़की तो कई महीने पहले चली गई. कड़ाई से पूछताछ पर आफताब ने बताया कि निकाह करने को लेकर अक्सर श्रद्धा वाकर उस पर दबाव बनाती थी. इसी पर दोनों में झगड़ा होता था.
बीते 18 मई को झगड़े के दौरान उसने श्रद्धा की गला घोंटकर हत्या कर दी. इसके बाद शव को चापड़ से कई टुकड़ों में काटा और दिल्ली के अलग अलग इलाकों में फेंक दिया. उसने यह भी कबूल किया है कि वह रोज रात 2 बजे फ्लैट से निकलता था और 18 दिन तक शव के टुकड़ों को अलग-अलग जगहों पर जाकर फेंकता रहा.
हत्या के बाद आफताब ने गूगल पर खून को साफ करने के तरीके और शरीर की संरचना को पढ़ा और फिर केमिकल से फ्लैट को साफ किया. इसके बाद शवों को काटा और शव को रखने के लिए एक 300 लीटर का बड़ा फ्रिज खरीद कर लाया. घर में शव की बदबू न फैले इसलिए अगरबत्ती जलाता था. आफताब शेफ की ट्रेनिंग ले चुका है, इसलिए उसे इस बात की जानकारी है कि कैसे टुकड़े किए जाते हैं.
पुलिस ने कहा कि उन्होंने आफताब के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को जब्त कर लिया है और इसकी पूरी तरह से जांच की जाएगी. गैजेट्स और गूगल सर्च हिस्ट्री की पुष्टि करने के बाद पुलिस आफताब के कबूलनामे को स्थापित कर सकती है.
आफताब के हाथों मारी गई श्रद्धा वाकर ने एक बार पहले भी अपनी हत्या की आशंका जताई थी. ये खुलासा श्रद्धा वाकर के एक दोस्त लक्ष्मण नाडार ने किया है. लक्ष्मण ने बताया कि उस समय श्रद्धा मुंबई में ही रहती थी. तब दोस्तों ने जाकर उसे आफताब के घर से निकाला था और आफताब को चेतावनी भी दी थी. उस समय पुलिस में शिकायत नहीं दर्ज की गई थी क्योंकि श्रद्धा वाकर ने पुलिस में जाने से मना कर दिया था.