प्रकाशन समूह राजीव प्रकाशन के मालिक पीयूष रंजन अग्रवाल के मुंबई, दिल्ली और प्रयागराज समेत कई ठिकानों पर आयकर छापा

Income Tax Raids On Several Locations Of Piyush Ranjan Aggarwal, Owner Of Publishing Group Rajiv Prakashan Including Mumbai, Delhi And Prayagraj.
Income tax raids on several locations of Piyush Ranjan Aggarwal, owner of publishing group Rajiv Prakashan including Mumbai, Delhi and Prayagraj.

Prayagraj:Reliable Media Burrow प्रकाशन समूह के दफ्तर, शोरूम के अलावा फ्लैट और बंगले पर भूमि, भवन के अलावा संपत्तियों की खरीद, बिक्री के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।

अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले शहर के बड़े प्रकाशन समूह के 20 से अधिक ठिकानों पर आयकर विभाग ने सोमवार को छापा मारा। प्रयागराज के अलावा मुंबई और दिल्ली में भी इस प्रकाशन समूह के दफ्तर, शोरूम के अलावा फ्लैट और बंगले पर भूमि, भवन के अलावा संपत्तियों की खरीद, बिक्री के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। इस समूह के बैंक खातों से हुए लेनदेन की भी जानकारी जुटाई जा रही है। छापा की यह कार्रवाई तीन दिन से अधिक समय तक चलने के संकेत मिले हैं।

नामी प्रकाशन समूह राजीव प्रकाशन के मालिक पीयूष रंजन अग्रवाल के मुंबई, दिल्ली और प्रयागराज समेत कई ठिकानों और उनसे जुड़ी सहयोगी कंपनियों के कार्यालयों पर सोमवार की सुबह नौ बजे से ही आयकर छापा की कार्रवाई शुरू हो गई। अफसरों के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें रवाना की गईं। इस प्रकाशन समूह की सहयोगी भवन निर्माता  कंपनी के अलावा फ्रेंचाइजी वाले ज्वेलरी प्रतिष्ठानों पर भी छापे मारे गए। 

प्रकाशन समूह की सहयोगी भवन निर्माता  कंपनी के अलावा फ्रेंचाइजी वाले ज्वेलरी प्रतिष्ठानों पर भी छापे

सुबह ही आयकर अधिकारियों के नेतृत्व में अलग-अलग टीमें धमक पड़ीं। ग्रीन वर्ल्ड के पुराने शहर में स्थित होटल नवीन कांटीनेंटल पर भी छापा मारा गया है। आयकर के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक इस प्रकाशन समूह के मालिक के घरों के अलावा दफ्तरों और शोरूमों पर भी छापा डाला गया है। इनके संपत्तियों के दस्तावेजों के अलावा निवेश संबंधी रिकॉर्ड की भी जानकारी जुटाई जा रही है।

बिलों के भुगतान के  साथ ही गोदामों में भंडारण का हिसाब मिलाया जा रहा

साथ ही शोरूमों और अन्य प्रतिष्ठानों के बिलों के भुगतान के  साथ ही गोदामों में भंडारण का हिसाब मिलाया जा रहा है। इसके अलावा बैंक खातों की भी जानकारी ली जा रही है। हाल के दिनों में इस समूह की ओर से खरीदी, बेची गईं संपत्तियों का भी ब्योरा जुटाया जा रहा है। आयकर विभाग के अफसरों के मुताबिक प्रकाशन समूह और उसके सहयोगी प्रतिष्ठानों के रिकॉर्ड कब्जे में लेकर गहन पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा अन्य दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। यह कार्रवाई तीन दिन तक चल सकती है।

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