समाजवादी पार्टी की सभा की दौरान बवाल

Ruckus During Samajwadi Party Meeting

समाजवादी पार्टी की सभा की दौरान बवाल कई नेताओं ने मंच से नीचे भागकर अपनी खुद को बचाया

प्रतापगढ़ में समाजवादी पार्टी की सभा की दौरान शुक्रवार को बवाल हो गया। रानीगंज विधानसभा क्षेत्र के मिर्जापुर चौराही गांव में आयोजित जनसभा में मंच पर ही मारपीट हो गई। रानीगंज से टिकट की मांग कर रहे सपा नेताओं को पूर्व मंत्री शिवाकांत ओझा के समर्थकों ने मंच पर ही पीट दिया।

ओझा के समर्थन में जमकर नारेबाजी भी की गई। इस घटना से अफरातरफरी का माहौल बन गया। कई नेताओं ने मंच से नीचे भागकर अपनी खुद को बचाया।

पूर्व मंत्री आरके चौधरी की ओर से आयोजित जनसभा के दौरान पूर्व विधायक रानीगंज शिवाकांत ओझा और टिकट की दावेदारी कर रहे सपा नेताओं के बीच जमकर मारपीट हो गई। आरोप है कि पूर्व मंत्री के समर्थक टिकट के दावेदारों सहित उनके समर्थन में आए नेताओं को मंच पर ही पीटने लगे।

इससे अफरातफरी मच गई। इस दौरान कई नेताओं ने खुलेआम मंच पर असलहा भी लहराया। कुछ नेताओं के साथ गनर भी थे लेकिन हालात देखकर वह हतप्रभ नजर आए। स्थित बेकाबू होने लगी तो सपा के कई नेता मंच से नीचे कूदकर भागने लगे।

कई सपा नेताओं को दौड़ा दौड़ाकर पीटा गया। बताया जाता है कि सभा के दौरान तमाम लोग पूर्व मंत्री और रानीगंज से पूर्व सपा विधायक शिवाकांत ओझा के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे।

यह बात इसी सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे कुछ सपा नेताओं और उनके समर्थकों को नागवार गुजरी और वह नारेबाजी कर रहे लोगों को रोकने टोकने लगे। कुछ नेताओं ने मंच से ही माइक के माध्यम से इस तरह की नारेबाजी न करने की बात कह दी।

आरोप है कि इसके बाद ओझा के समर्थक आक्रोशित हो गए और विरोध कर रहे सपा नेताओं को दौड़ा-दौड़ाकर मंच पर ही पीटने लगे।

नसीहत देने के दौरान ही बिगड़ी बात

करीब 3.45 बजे पूर्व विधायक श्याद अली अपने भाषण में वक्ताओं को नसीहत देने लगे कि पूर्व मंत्री प्रो. शिवाकांत ओझा का टिकट फाइनल मानने वालों को र्धर्य का परिचय देना चाहिए।

तभी मंच पर मौजूद प्रो. शिवाकांत ओझा उनके पास पहुंचे और उनके संबोधन पर आपत्ति करने लगे। उनके बीच विवाद होने लगा। यह देख दोनों नेताओं के समर्थक मंच पर आ गए और मारपीट होने लगी। मंच के कई नेता और सभा में मौजूद लोग भागने लगे।

आरोप है कि इस दौरान प्रो. ओझा के समर्थकों ने मंच पर मौजूद टिकट के एक अन्य दावेदार बृजेश यादव की पिटाई कर दी। कुछ ही देर में रैली में आए लोग चले गए। मंच पर मुख्य अतिथि आरके चौधरी कुछ नेताओं के साथ बैठे रह गए।

बाद में वह भी चले गए। पूर्व विधायक श्याद अली, बृजेश यादव, टिकट के एक अन्य दावेदार शकील अहमद रानीगंज तहसील पहुंच गए। यहां से सभी लोग थाने पहुंचे।

वहां बृजेश यादव की ओर से पूर्वमंत्री प्रो. शिवाकांत ओझा, उनके बेटे पूर्णांशु ओझा, अशोक मिश्र पप्पू को नामजद करते हुए 40-50 अज्ञात के खिलाफ मारपीट, रिवॉल्वर निकालकर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी।

हालांकि देर शाम तक रिपोर्ट नहीं दर्ज हो सकी थी। इस बाबत सीओ डॉ. अतुल अंजान त्रिपाठी ने बताया कि रैली में विवाद की सूचना पर वह गए थे। तब तक सब शांत हो गया था। लोगों ने मारपीट और असलहे से धमकाने की बात कही है। तहरीर मिलने पर वीडियो क्लिप देखकर कार्रवाई की जाएगी।

मारपीट के आधे घंटे बाद कार्यकर्ता फिर से एकत्रित हुए और पूर्व मंत्री आरके चौधरी ने उन्हें संबोधित किया। सबने एक दूसरे को ठहराया जिम्मेदार समाजवादी पार्टी की संविधान बचाओ, भाजपा हटाओ रैली हुए बवाल में मौजूद नेताओं ने एक दूसरे को घटना के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

पूर्वमंत्री प्रो.शिवाकांत ओझा और उनके समर्थकों पर मारपीट का आरोप लगाने वाले बृजेश यादव ने कहा कि पूर्व विधायक श्याद अली के संबोधन के दौरान पूर्वमंत्री प्रो. ओझा ने बदतमीजी की।

इसके बाद समर्थकों ने उन्हें (बृजेश को) मारापीटा और मंच से नीचे फेंक दिया। पूर्व विधायक श्याद अली ने कहा कि प्रो. ओझा प्रायोजित कर वक्ताओं से खुद को प्रत्याशी साबित करा रहे थे। वह इसका विरोध करने लगे तो प्रो. ओझा उनके संबोधन के दौरान पास आकर विवाद करने लगे।

इन लोगों ने उन्हें नीचे उतार दिया और उनके बेटे से भी धक्का मुक्की की। प्रो.ओझा के समर्थकों ने असलहे भी लहराए। टिकट के एक अन्य दावेदार पूर्व प्रत्याशी शकील अहमद ने कहा कि पूर्व विधायक के संबोधन के दौरान पूर्व मंत्री व उनके समर्थक भिड़ गए और मारपीट करने लगे।


पूर्व मंत्री प्रो. शिवाकांत ओझा ने कहा कि उन्होंने किसी से मारपीट नहीं की। न ही किसी को गाली दी है। एक गीत गाने वाले ने उनके संदर्भ में कुछ इशारा कर दिया तो पूर्व विधायक को उस बाहरी व्यक्ति को अपमानित नहीं करना चाहिए था।

उन्होंने कोई मारपीट नहीं की है। जबकि मौके पर मौजूद पार्टी जिला महासचिव अब्दुल कादिर जिलानी ने कहा कि कार्यकर्ताओं में उत्साह अधिक होने की वजह से विवाद गया। इसे फिर से साथ बैठकर सुलझा लिया जाएगा।

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