मंजीत मिश्रा की मौत की कहानी…

मंजीत मिश्रा की मौत की कहानी… शूटरों ने 15 लाख रुपये में हत्या की सुपारी ली थी। दोनों को एडवांस में एक लाख मिला था। बाकी धनराशि बाद में मिलनी थी। शूटर मैनेजर की हत्या की प्लानिंग 10 दिन पहले से बना रहे थे.
गाजियाबाद के डाटा मैनेजर मंजीत मिश्रा की हत्या के आरोप में वांछित ससुर को रविवार को कुलेसरा पुस्ता के पास से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी ससुर की पहचान प्राचीन शिव मंदिर कड़कड़डूमा आनंद विहार दिल्ली के भोपाल सिंह राठौर के रूप में हुई है। आरोपी घटना के बाद अपनी दिल्ली में रहने वाली बड़ी बेटी के यहां जाकर छिप गया था।
मंजीत की मौत की कहानी आगरा के रहने वाले टीसीएस के मैनेजर मानव शर्मा से मिलती-जुलती है। अंतर बस इतना है कि मानव ने फंदे पर लटक कर अपनी जान दे दी और मंजीत की हत्या करवाई गई। इन दोनों मामलों में एक बात की समानता है कि दोनों ही युवक अपनी पत्नी और ससुरालियों की प्रताड़ना के शिकार थे।
21 फरवरी को गाजियाबाद के डाटा मैनेजर मंजीत मिश्रा (29) की बागपत के शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस ने परिजन की तहरीर केस दर्ज कर मृतक के कारोबारी साले सचिन राठौर, उसके मैनेजर प्रवीण उर्फ तिलके, शूटर प्रिंस उर्फ बन्टी, विनय भाटी को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।
शूटरों ने 15 लाख रुपये में हत्या की सुपारी ली थी। दोनों को एडवांस में एक लाख मिला था। बाकी धनराशि बाद में मिलनी थी। शूटर मैनेजर की हत्या की प्लानिंग 10 दिन पहले से बना रहे थे। एसीपी सेंट्रल नोएडा बीएस वीर का कहना है कि मृतक के ससुर को गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले में अब तक पांच लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। राहुल की तलाश की जा रही है।
शादी के कार्ड पर छिपाई थी मूल जाति और पता
मंजीत पत्नी से विवाद के बाद अपनी परेशानी को डायरी में लिखता था। उसने पत्नी से विवाद के बाद सात पेज के नोट में लिखा है कि पत्नी के परिवार ने कहा था कि वह शादी के कार्ड में उनका सरनेम कुछ और लिखेंगे। वह बिहार से हैं इस बारे में जानकारी नहीं दी जाएगी।
शादी के कार्ड में पत्नी के परिवार की ओर से मिश्रा की जगह परिहार लिखाया गया था
पत्नी के परिवार की तरफ से छपवाए गए कार्ड में उन्हें मिश्रा की जगह परिहार लिखाया था। उन्हें कानपुर का रहने वाला बताया गया था। जब वह हनीमून पर थे तो उनके पिता की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। इसके बाद से विवाद शुरू हुआ था।
तलाक का नोटिस देकर मांगे थे तीन करोड़ रुपये
डायरी में मेघा और ससुरालवालों से मिलने वाली धमकी और अभद्रता की भी बात है। परिवार में विवाद के बाद वह कुछ समय के लिए सेक्टर-15 में किराये के घर में रह रहे थे। दोनों का रेंट भाई को देना होता था। उनपर कार समेत कई लोन थे। उनका वेतन करीब 1 लाख रुपये था। बावजूद जब मेघा अलग हुई और तलाक का नोटिस भेजने पर 90 हजार रुपये प्रतिमाह मेंटेंनेंस की मांग की थी। एक करोड़ रुपये बतौर स्त्रीधन और दो करोड़ रुपये दूसरे खर्चों के रूप में मांगा था। जिससे मंजीत बहुत परेशान था।
