नीवां में मना ऊदा देवी का 164वाॅ बलिदान दिवस

प्रयागराज। वीरांगना ऊदा देवी की वीरता, साहस, संघर्ष व बलिदान की स्मृतियां आज भी हमारे रोम-रोम में उर्जा, स्फूर्ति व साहस का संचार कर देती है। हमारा मस्तक आत्मगौरव व मनोबल से ऊँचा हो उठता है।


उक्त बातें वरिष्ठ समाजसेवी अशोक यादव ने वीरांगना ऊदा देवी पासी की 164वीं शहादत दिवस पर उमरपुर नीवां में आयोजित श्रद्वांजलि सभा व विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुये कहा।

मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित श्री अशोक ने कहा कहाकि ऊदा देवी के बलिदान की गौरव गाथा हमें देशभक्ति, त्याग, सम्मान व स्वाभिमान की प्रेरणा देती है। उनकी अप्रतिम अतुलनीय बलिदान की शौर्य गाथायें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित किये जाने योग्य है।

उन्होंने बेटों के साथ बेटियांे को भी शिक्षित करने पर बल देते हुये कहा कि अगर बेटी शिक्षित नहीं होगी तो दो घर अशिक्षित रह जाएगा।कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ फोटो पत्रकार शरद मालवीय ने कहा जब तक हम शिक्षित नहीं होेंगे अपने आप को नहीं जान पाएंगे।

कहा कि वीर-वीरांगनायें व महापुरूष हमारे लिए जलती मशाल सदृश है, अपने महापुरूषों से प्रेरणा न लेने वाला समाज विकास नहीं कर सकता। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अवधेश पटेल ने कहाकि ऊदा देवी के साहसिक बलिदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता।

उनके गौरव गाथा इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अंकित है।कार्यक्रम संयोजक व सामाजिक कार्यकर्ता सुधीर चैधरी ने कहा कि हमारे महापुरूष आजीवन आर्यों, मुगलों व अंग्रेजों से लड़ते रहे। वे आजीवन वर्णव्यवस्था, विषमता, अलगाववाद, सामाजिक भेदभाव से जूझते रहे हैं।

उसके बावजूद भी कभी हिम्मत नहीं हारी और अपने समाज और देश का नाम रौशन किया। ऐसे महापुरूषों को शत-शत नमन। संगोष्ठी सभा को संबोधित करते हुये सीनियर पत्रकार विनोद पाण्डेय व सीए प्रतीक मालवीय ने संयुक्त रूप से कहा कि हमारे महापुरूष गैरबराबरी, एकाधिकार, वर्चस्व व अमानवीयता के विरूद्ध सामाजिक परिवर्तन की लड़ाई लड़ी।

हमें अपने महापुरूषों के स्मृति में आयोजित समारोह में अवश्य यही हमारी इबादत, सियासत व ताकत की नुमाइश होगी। हमने सामाजिक परिवर्तन की दिशा में अब तक जो भी मंजिलें तय की हैं वह महापुरूषों की स्मृतियों में आयोजित समारोहों में एकत्रित होकर विचार-विमर्श व सामाजिक आंदोलन व संघर्षों के माध्यम से ही तय की है।

शहादत दिवश पर सुलताना पासी, चन्द्रभान कुमार, संतोष पासी, साहिल चैधरी, सुवित, सन्धू आदि लोग उपस्थित रहें।

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