UP Board Exam: जल्दी परीक्षा कराने के चक्कर में विद्यार्थियों पर बढ़ा बोझ, 12 दिन में ही समाप्त होंगे एग्जाम
Prayagraj (Reliable Media)यूपी बोर्ड ने 12वीं की परीक्षा को भी इस बार 12 दिनों में ही खत्म करने की तैयारी की है। पिछले वर्ष 12वीं की परीक्षा 14 दिन में पूरी हुई थी। उस समय भी परीक्षाओं में अंतर न होने से परीक्षार्थी तनाव में थे।
यूपी बोर्ड ने परीक्षाओं की समय सारिणी बृहस्पतिवार को जारी कर दी है। बोर्ड की तरफ से जारी परीक्षा कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के उस कथन की छाप दिख रही है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जल्दी परीक्षा, जल्दी परिणाम। यूपी बोर्ड ने मुख्यमंत्री के कथन के अनुसार भले ही 10वीं और 12वीं की परीक्षा जल्दी खत्म करने की तैयारी की है, लेकिन इससे परीक्षार्थियों पर मानसिक दबाव बनना लगभग तय है। हालांकि, बोर्ड इसको लेकर अलग ही दलील देने में जुटा है।
बोर्ड परीक्षाओं का नाम लेते ही परीक्षार्थियों के दिल की धड़कन बढ़ने लगती है। परीक्षा की तिथियां नजदीक आने के साथ ही मानसिक दबाव तेजी से बढ़ता है। कई बार इस मानसिक दबाव का असर उनके परीक्षा परिणाम पर भी साफ दिखता है। कम अंक आने पर विद्यार्थी अवसाद से ग्रस्त हो जाते हैं। ऐसे में एक स्वस्थ मानक के हिसाब से परीक्षाओं के बीच में अंतर परीक्षार्थियों की तैयारी के लिए बेहतर होता है। हालांकि, यूपी बोर्ड के परीक्षा कार्यक्रम में ऐसा दिखाई नहीं दे रहा है।
यूपी बोर्ड ने 12वीं की परीक्षा को भी इस बार 12 दिनों में ही खत्म करने की तैयारी की है। पिछले वर्ष 12वीं की परीक्षा 14 दिन में पूरी हुई थी। उस समय भी परीक्षाओं में अंतर न होने से परीक्षार्थी तनाव में थे। उसके बाद भी परीक्षा जल्दी खत्म हो, इसके लिए बोर्ड ने परीक्षाओं के बीच के अंतर को कम कर दिया है। साथ ही 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को दो पालियों में कराने की व्यवस्था की है।
इसे लेकर परीक्षार्थियों का कहना है कि दो परीक्षाओं के बीच में अंतर मिलने से तैयारी में आसानी रहती है, जबकि इस बार मुश्किल होगी। दसवीं के विद्यार्थियों के लिए बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का पहला अनुभव होता है। ऐसे में उन पर 12वीं के छात्रों के मुकाबले कम दबाव होता है। ऐसे में एक ही दिन में दो मुख्य विषयों की परीक्षा 12वीं के विद्यार्थियों के लिए किसी संघर्ष से कम नहीं होगी।
बोर्ड परीक्षाएं इस बार 12 दिन में समाप्त हो रही हैं। जहां तक परीक्षा जल्द खत्म होने की बात है, तो अधिक समय तक परीक्षा चलने से परीक्षार्थियों पर अधिक दबाव होता है। इसके अलावा मुख्य विषय की परीक्षाओं में अंतर दिया गया है। -दिब्यकांत शुक्ला, सचिव, यूपी बोर्ड
पहली पाली में मिलेगी आधे घंटे की राहत
यूपी बोर्ड की परीक्षा में पहली पाली में परीक्षार्थियों को पिछले सालों के मुकाबले थोड़ी राहत जरूर मिलेगी। अभी तक पहली पाली की परीक्षा सुबह आठ बजे से होती थी, लेकिन इस बार बोर्ड ने इसमें राहत देते हुए आधा घंटा समय बढ़ा दिया है। यानी इस बार पहली पाली की परीक्षा सुबह साढ़े आठ बजे से शुरू होगी।
होली खेलने में नहीं होगी दिक्कत
यूपी बोर्ड परीक्षा के दौरान अक्सर होली का पर्व पड़ने को लेकर छात्रों में उहापोह की स्थिति बनी रहती है। परीक्षा के बीच में होली पड़ने से त्योहार की खुशियां फीकी पड़ जाती हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। इस बार होली 25 मार्च को है, वहीं परीक्षाएं नौ मार्च को खत्म हो जाएंगी। ऐसे में परीक्षार्थी होली का जश्न पूरे उत्साह से मना सकेंगे।
पिछले वर्ष 12वीं की परीक्षा 14 दिन में पूरी हुई थी। उस समय भी परीक्षाओं में अंतर न होने से परीक्षार्थी तनाव में थे। उसके बाद भी परीक्षा जल्दी खत्म हो, इसके लिए बोर्ड ने ऐसे में एक स्वस्थ मानक के परीक्षाओं के बीच के अंतर को कम कर दिया है। साथ ही 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं को दो पालियों में कराने की व्यवस्था की है।
इसे लेकर परीक्षार्थियों का कहना है कि दो परीक्षाओं के बीच में अंतर मिलने से तैयारी में आसानी रहती है, जबकि इस बार मुश्किल होगी। दसवीं के विद्यार्थियों के लिए बोर्ड परीक्षा में शामिल होने का पहला अनुभव होता है। ऐसे में उन पर 12वीं के छात्रों के मुकाबले कम दबाव होता है। ऐसे में एक ही दिन में दो मुख्य विषयों की परीक्षा 12वीं के विद्यार्थियों के लिए किसी संघर्ष से कम नहीं होगी।
पहली पाली में मिलेगी आधे घंटे की राहतः परीक्षा में पहली पाली में परीक्षार्थियों को पिछले सालों के मुकाबले थोड़ी राहत जरूर मिलेगी। अभी तक पहली पाली की परीक्षा सुबह आठ बजे से होती थी, लेकिन इस बार बोर्ड ने इसमें राहत देते हुए आधा घंटा समय बढ़ा दिया है। यानी इस बार पहली पाली की परीक्षा सुबह साढ़े आठ बजे से शुरू होगी।
बोर्ड परीक्षाएं इस बार 12 दिन में समाप्त हो रही हैं। जहां तक परीक्षा जल्द खत्म होने की बात है, तो अधिक समय तक परीक्षा चलने से परीक्षार्थियों पर अधिक दबाव होता है।
इसके अलावा मुख्य विषय की परीक्षाओं में अंतर दिया गया है। दिव्यकांत शुक्ला, सचिव,यूपी बोर्ड