कानपुर में माघ मेला से पहले निर्मल गंगा की कवायद

कानपुर में माघ मेला से पहले निर्मल गंगा की कवायद, फर्रुखाबाद से वाराणसी तक हो रही निगरानी

कानपुर। माघ मेला से पहले गंगाजल को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिए कवायद शुरू की गई है। आइआइटी के साथ उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी अपने संयंत्रों की मदद से गंगा में प्रदूषण की मानीटरिंग करा रहा है। प्रत्येक सप्ताह क्षेत्रीय अधिकारियों की ओर से रिपोर्ट संबंधित जिलों के प्रशासन को भेजी जा रही है। रिपोर्ट के आधार पर प्रदूषण फैलाने वाले कारकों को दूर करने संग कार्रवाई की जाएगी।

वहीं दूसरी तरफ भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) ने निरासारा स्वयंशासित वेधशाला (एनएसवीएस) प्रणाली पर आधारित डिवाइस बिठूर स्थित घाट के पास गंगा में स्थापित की है। इसकी मदद से गंगा में आक्सीजन का स्तर, पीएच वैल्यू और मेटल की मात्रा को मापा जा रहा है।

साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड गंगा बैराज, फर्रुखाबाद में घटिया घाट व वाराणसी तक तमाम संयंत्रों की मदद से नदी में आ रहे प्रदूषण का डाटा जुटा रहा है। 11 नवंबर से इसकी शुरुआत की गई है। लगातार विभिन्न स्थानों पर नदी के प्रदूषण को माप कर उसका डाटा जुटाया जाएगा।

बता दें कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अनिल माथुर ने बताया कि माघ मेले को लेकर गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं। पानी में घुलित आक्सीजन, पीएच वैल्यू व उसके रंग का डाटा जुटाकर मुख्यालय भेजेंगे। इसी आधार पर वहां से प्रदूषण के कारकों को दूर करने के लिए संबंधित विभागों को निर्देश दिए जाएंगे।

गंगा नदी में मिलने वाली सहायक नदियों में भी प्रदूषण का डाटा जुटाया जा रहा है। इसमें काली नदी, रामगंगा नदी आदि शामिल हैं। यह डाटा जुटाने के लिए बरेली, अलीगढ़, रामपुर आदि स्थानों पर भी निगरानी की जा रही है। अगर कहीं किसी उद्योग से समस्या है तो उसके पानी को नदी में प्रवाहित होने से रोका जाएगा।

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