POK – भारत के अधिकार क्षेत्र में ‘पीओके’ आते ही पाकिस्तान से ज्यादा चीन क्यों रोएगा?

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POK – भारत के अधिकार क्षेत्र में ‘पीओके’ आते ही पाकिस्तान से ज्यादा चीन क्यों रोएगा?- पीओके अगर भारत अधिकार के में सिमट आएगा तो चीन के लिए उसका ड्रीम प्रोजेक्ट सीपैक भी बीच में ही लटकना तय है.

इससे न केवल चीन बल्कि पाकिस्तान को भी भारी भरकम आर्थिक नुकसान होना तय है, क्योंकि POK से चीन को प्राकृतिक व मानव संसाधनों की बहुत मोटी कमाई हो रही है – पाकिस्तान के कब्जे में मौजूद कश्मीर यानी पीओके (Pakistan Occupied Kashmir ) कई दशक से भारत और पाकिस्तान के गले की फांस बना है.

– वो पीओके (PoK) जिस पर भारत हमेशा अपना मजबूत दावा और सबूत ठोंकता रहा है. वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान जबरिया ही अपनी दावेदारी का राग दुनिया में अलाप रहा है.

– भारत और पाकिस्तान के बीच ‘पीओके’ की जमीन को लेकर छिड़ी इस जुबानी जंग में बिना कुछ करे-धरे घर बैठे लुत्फ ले रहा है हमारा कट्टर दुश्मन देश यानी पड़ोसी चीन.

-ऐसे में सवाल ये है कि अगर पाक अधिकृत कश्मीर हिंदुस्तान की हद में आ गया तो उससे चीन और पाकिस्तान (Pakistan) में से नुकसान किसे ज्यादा होगा?

एक महीने से रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia-Ukraine War) के बीच में दुनिया की नजरें हिंदुस्तान पर भी टिक गई हैं. इस सवाल पर कि क्या अब हिंदुस्तान भी हक की हिमायत में पाक अधिकृत कश्मीर लेने के लिए पाकिस्तान को यूक्रेन के से हाल में पहुंचाने की तैयारियों में जुटा है?

– वर्तमान भारत सरकार की ओर से कश्मीर से धारा 370 साफ किए जाने से पहले 2016 में मोदी सरकार के पहले ही कार्यकाल में पाकिस्तान में घुसकर की गई क्रॉस बॉर्डर सर्जिकल स्ट्राइक व बाद में की गयी एयर स्ट्राइक के बाद विश्व भर में में इस तरह की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी थीं कि हो न हो अब जल्दी ही भारत पीओके को हासिल करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ेगा-

भारत सबूतों के साथ ठोंकता रहा है दावापीओके को पाने के लिए हिंदुस्तान हमेशा अपना हिस्सा सबूतों के साथ ठोंकता रहा है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी हों, मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या फिर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह. इन सबकी भी ये हसरत अभी तक खुलकर सामने आती रही है कि पीओके जो भारत का ही है .

आखिर भारत के अधिकार क्षेत्र में क्यों नहीं आना चाहिए? नरेंद्र मोदी हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री की हैसियत से कई बार जनसभाओं में खुलकर बोलते देखे सुने गए हैं कि पाक अधिकृत कश्मीर यानी पीओके तो गैर-कानूनी तरीके से कब्जा करके पाकिस्तान ने अपने पास रखा है.

ये कसक तब तक हिंदुस्तानियों के दिलों में मौजूद रहेगी जब तक हम पीओके को हिंदुस्तान की हदों में नहीं समेट लेंगे.हिंदुस्तान हर कुर्बानी देने को तैयारकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पीओके को लेकर खुलेआम भारतीय संसद में बयान दे चुके हैं कि पीओके जम्मू कश्मीर यानी भारत का हिस्सा है.

इसे पाने के लिए हम कोई भी कुर्बानी देने को तैयार बैठे हैं. ऐसे में किसी के भी मन में ये सवाल कौंधना लाजिमी है कि आखिर पाकिस्तान के कब्जे में मौजूद हमारे कश्मीर में ऐसा क्या है, जिसके चलते हिंदुस्तान पीओके को हर हाल में अपनी हदों में समेटने को आतुर है?

पाक अधिकृत कश्मीर हासिल करने से आखिर हिंदुस्तान में क्या कुछ बदल जाने की उम्मीद है? क्यों खास है हिंदुस्तान के लिए पीओके उस हद तक कि हिंदुस्तान हो या फिर पाकिस्तान. दोनों ही धुर-विरोधी पक्ष एक पीओके को अपनी अपनी सीमाओं में समेट लेना चाहते हैं?

भी समझना अवश्य है इसके लिए अब समझना जरूरी है कि अगर पाकिस्तान वाले कब्जे में मौजूद पीओके भारत में शामिल हो जाता है तो सबसे पहले चीन और पाकिस्तान जो अभी एक दूसरे से जुड़े हुए दिखाई दे रहे हैं, वो अलग-अलग हो जाएंगे.

-मतलब पीओके के भारत में शामिल होते ही अंतराष्ट्रीय नक्शे पर चीन और पाकिस्तान का दूर-दूर तक का कोई रिश्ता बाकी नहीं बचेगा. दोनों के बीचों-बीच पहुंचकर भारत जा खड़ा होगा.

हां इस बड़ी और ऐतिहासिक घटना से ये बदलाव भी जरूर आ जाएगा कि पाक अधिकृत कश्मीर हमारी सीमा में आते ही पाकिस्तान और चीन जैसे कट्टर दोनों दुश्मन देशों की रेंज में भारत भौगोलिक रूप से और भी ज्यादा करीब पहुंच जाएगा.

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