Rajasthan:अलवर महाराजा जयसिंह जी नरुका, जिन्हें अपने महल में कुत्ते रखना कतई पसंद नहीं था
Rajasthan:(Rakesh Pandey Chief Editor)अलवर महाराजा जयसिंह जी नरुका, जिन्हें अपने महल में कुत्ते रखना कतई पसंद नहीं था। एक बार लेडी वायसराय अपने कुत्ते के साथ महाराजा के शिविर में भोजन के लिए आई, तो महाराजा ने उनसे कहलवाया कि कुत्ते को बाहर छोड़कर फिर भोजन के लिए आवें, पर लेडी वायसराय अपनी ज़िद पर अड़ी रही। आख़िरकार लेडी वायसराय को बिना भोजन किए ही जाना पड़ा।
इन महाराजा के इसी तरह बर्ताव के कारण अंग्रेज इनसे काफी तंग आ गए थे। अंग्रेजों ने इनको गद्दी से खारिज करके विदेश भेज दिया था और इनका देहांत भी पेरिस में हुआ।
अंग्रेजों ने इनके चरित्र पर कीचड़ उछालने के लिए कई भ्रामक खबरें फैलाई जिनमें से एक ये भी थी कि इन महाराजा ने एक बार अपने घोड़े पर पेट्रोल छिड़कर उसे मार डाला।
बहरहाल, ये वही महाराजा हैं जिन्होंने प्रसिद्ध रॉल्स रॉयस कंपनी की कारों का प्रयोग कचरा उठाने में करवाया, क्योंकि वहां साधारण कपड़ों में जाने पर कर्मचारियों ने इनको बाहर निकाल दिया था।
जय सिंह प्रभाकर (14 जून 1882 – 19 मई 1937), नरुका क्षत्रिय वंश के एक राजपूत शासक और 1892 से 1937 तक अलवर रियासत के महाराजा थे। पिछले शासक, सर मंगल सिंह प्रभाकर बहादुर के इकलौते पुत्र थे , सर जय सिंह शुरू में प्रतिभाशाली, विद्वान और आकर्षक के रूप में जाने जाते थे। हालाँकि, बाद में उन्हें निर्वासन के लिए मजबूर होना पड़ा। 1937 में 54 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई। उनके दूर के रिश्तेदार तेज सिंह प्रभाकर बहादुर उनके उत्तराधिकारी बने ।
उनकी शिक्षा मेयो कॉलेज , अजमेर में हुई। वह एक उच्च सम्मानित भारतीय अंग्रेजी वक्ता और विद्वान थे। उन्होंने कई बांधों (सिंचाई बांध) के निर्माण में कृषक समुदाय की सहायता की।
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