सेना पर हमला देश मांगे बदला कर्नल विप्लव त्रिपाठी की वीर गाथा-

The country demands revenge on the army, the heroic saga of Colonel Biplab Tripathi-

सेना पर हमला देश मांगे बदला: दादा थे स्वतंत्रता सेनानी, भाई भी सेना में अधिकारी, जानिए उग्रवादी हमले में शहीद कर्नल विप्लव त्रिपाठी की वीर गाथा

मणिपुर में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ. इस हमले में आतंकियों ने कायराना तरीके से 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी को निशाना बनाया. उनके काफिले पर हमला किया गया. जिस समय ये हमला हुआ, उस वक्त कर्नल त्रिपाठी अपने परिवार के साथ लौट रहे थे.

कायरों की तरह छिपकर किए गए आतंकियों के इस हमले में कर्नल त्रिपाठी के अलावा उनकी पत्नी अनुजा और बेटे अबीर की भी मौत हो गई. त्रिपाठी परिवार छत्तीसगढ़ के रायपुर का रहने वाला था. इस पूरे हमले में 7 लोगों की जान गई. इस हमले के बाद कर्नल त्रिपाठी का परिवार शोक में डूबा है.

उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा है कि एक पूरा का पूरा परिवार देश सेवा के लिए बलिदान हो गया. कर्नल त्रिपाठी को देश सेवा की प्रेरणा अपने दादा से मिली थी. कर्नल त्रिपाठी के दादा किशोरी मोहन त्रिपाठी एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और अपने दादा से ही प्रेरित होकर ही उन्होंने सेना की वर्दी पहनने की ठानी थी.

कर्नल त्रिपाठी के मामा राजेश पटनायक ने न्यूज एजेंसी को बताया कि 1994 में जब विप्लव 14 साल के थे, तब उनके दादा किशोरी मोहन त्रिपाठी का निधन हो गया था. उनके दादा ही थे, जिन्होंने उन्हें आर्मी की वर्दी पहनने के लिए प्रेरित किया था. पटनायक ने कहा, ‘देश की सेवा करने के लिए विप्लव ने भारतीय सेना को ज्वॉइन किया.

उनके पिता एक सीनियर जर्नलिस्ट थे और मां एक सोशल एक्टिविस्ट थीं. उनके परिवार ने उन्हें सेना में जाने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने अपना जीवन देश की सेवा करते हुए त्याग दिया. हमें उन पर गर्व है.

‘ विप्लव अपने दादा किशोरी मोहन के काफी करीब थे और जब ज्ञानी जैल सिंह देश के राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने दादा के साथ राष्ट्रपति भवन का दौरा भी किया था. 30 मई 1980 को जन्मे विप्लव ने मध्य प्रदेश के रीवा स्थित सैनिक स्कूल से पढ़ाई की थी.

उनके पिता सुभाष त्रिपाठी एक सीनियर जर्नलिस्ट हैं और स्थानीय हिंदी अखबार के एडिटर हैं. वहीं, उनकी मां आशा त्रिपाठी रिटायर्ड लाइब्रेरियन हैं. पटनायक ने बताया कि कर्नल विप्लव त्रिपाठी ने सैनिक स्कूल रीवा से स्कूली शिक्षा प्राप्त की थी.

इसी स्कूल से उनके भाई अनय त्रिपाठी ने भी स्कूली शिक्षा प्राप्त की. स्कूल की पढ़ाई के बाद विप्लव ने नेशनल डिफेंस एकेडमी में एडमिशन लिया और उसके बाद देहरादून में इंडियन मिलिट्री एकेडमी ज्वॉइन की.

2001 में विप्लव रानीखेत में कुमाऊं रेजिमेंट में बतौर लेफ्टिनेंट कमीशन हुए. उसके बाद उन्होंने वेलिंगटन के डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज (DSSC) से कमांड का कोर्स पास किया. पटनायक ने बताया कि विप्लव के छोटे भाई अनय त्रिपाठी ने भी रीवा सैनिक स्कूल से पढ़ाई की थी.

वो भी आर्मी में हैं और इस समय शिलॉन्ग में लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक पर पोस्टेड हैं. कर्नल त्रिपाठी के पूरे परिवार ने इस साल मणिपुर में दिवाली मनाई थी. कर्नल त्रिपाठी के मामा राजेश पटनायक ने बताया कि पूरे परिवार ने इस साल दिवाली मणिपुर में ही मनाई थी.

तब क्या पता था कि एक सप्ताह बाद भी ये हंसता-खेलता परिवार सदा सदा के लिए बिखर जाएगा. दिवाली मनाने के बाद उनके माता-पिता 6 नवंबर को रायगढ़ लौट आए थे. पटनायक के मुताबिक, कर्नल विप्लव, उनकी पत्नी और बेटे का पार्थिव शरीर रविवार को रायगढ़ लाया जाएगा.

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