ऋषिकेश से संगमनगरी पहुंची गंगा मशाल यात्रा का आत्मीय हुआ स्वागत

प्रयागराज-अविरल, निर्मल सुरसरि के लिए आठ नवंबर को ऋषिकेश से निकाली गई गंगा मशाल यात्रा संगमनगरी पहुंची। नाव के जरिए गंगासागर तक जाने वाले सेना की इकोलाजी बटालियन के सदस्यों का सरस्वती घाट पर मालाएं पहनाकर स्वागत किया गया।

यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए और गंगा स्वच्छता का संकल्प लिया गया। वहीं मशाल लेकर नाव पर चल रहे जवान करीब 10 बजे मेजर एलएन जोशी की अगुवाई में वीआइपी घाट व किला घाट होते हुए सरस्वती घाट आए।

बता दें कि यहां सांसद (फूलपुर) केशरीदेवी पटेल, महापौर अभिलाषा गुप्ता नंदी के अलावा वन विभाग के प्रभागीय निदेशक रमेश चंद्र तथा उप प्रभागीय वनाधिकारी संजय शर्मा व सेना कोर के जवानों ने यात्रियों का स्वागत किया। मशाल की पूजा कर त्रिवेणी की आरती उतारी गई।

नमामि गंगे के राजेश शर्मा, तीर्थ पुरोहित सौरभ तिवारी व मयंक ने भी प्रतिभाग किया। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की प्रतिनिधि डाक्टर निधि द्विवेदी, गंगा विचार मंच ,नेहरू युवा केंद्र से जु़डे, गंगा प्रहरी, गंगा मित्र, तीर्थपुरोहित, नमामि गंगे के वालेंटियर्स एवं विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने जवानों का स्वागत किया।

वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए मशाल पंडाल में ले जाकर रखी गई। विद्यार्थियों ने गीतों व नुक्कड़ नाटक के माध्यम से गंगा की महत्ता रेखांकित करते हुए इसकी स्वच्छ का संदेश दिया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में ²श्यकला विभाग के छात्र अजय गुप्ता व उनके साथियों ने सैंडआर्ट बनाया। रेत पर भगवान शिव की जटाओं से निकलती हुई गंगा आकृति आकर्षण का केंद्र रही।

वहीं इससे पहले नवाबगंज स्थित राम दुलारी बच्चू लाल जायसवाल महाविद्यालय में तहसीलदार, खंड विकास अधिकारी, नमामि गंगे टीम एवं वन विभाग के अधिकारियों तथा गंगा टास्क फोर्स के जवानों ने मशाल यात्रा का स्वागत किया। संगमनगरी में आत्मीय स्वागत के बाद सैनिक मशाल के साथ गंगासागर की तरफ बढ़ गए। गंगासागर में यात्रा का समापन 26 नवंबर को प्रस्तावित है।

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